L19/Bokaro : झारखंड में सरकारी योजना के नाम से सिर्फ ठीकेदारी करना होता है, ग्रामीण लाभ के लिए नही। पिछले कई सालों से अस्पताल उद्घाटन की बात हो रहा है, लेकिन अब तक उद्घाटन नहीं हो सका है। साल 2014 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इसकी आधारशिला रखी थी। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण राज्य सरकार के करोड़ों रुपए की बर्बादी हो गई है। जहां आज मरीजों का इलाज होना चाहिए था वो आज खंडहर बना हुआ है। जिससे राज्य सरकार के करोड़ों रुपए की बर्बादी हुई है। बता दे, बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड में चंद्रपुरा क्षेत्र के आसपास के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में हेमंत सोरेन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह ने दो करोड़ की लागत से एक सौ बेड की अस्पताल का निर्माण निव रखा था।
अस्पताल का नाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिजुआ है। अस्पताल भवन का निर्माण कार्य तो पूरा हो गया, लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण अस्पताल पूरी तरह से बंद पड़ा रहा। अस्पताल में लगे खिड़की दरवाजे को उखाड़ कर चोर ले गए। अस्पताल में लगे टाइल्स को भी नहीं छोड़ा गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण यह अस्पताल पूरी तरह से बर्बाद हो गया क्योंकि इसकी शिलान्यास स्वर्गीय राजेंद्र सिंह ने की थी। उसके बाद राज्य में रघुवर दास की सरकार आ गई यहां से योगेश्वर महतो बीजेपी से विधायक बने। जिस कारण अस्पताल का उद्घाटन नहीं हुआ।
अस्पताल का निर्माण इसलिए कराया गया था ताकि आसपास के 50 हजार की आबादी में रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकें, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। पूर्व प्रमुख वर्तमान में पंचायत समिति सदस्य अनीता गुप्ता ने कहा कि इस अस्पताल को लेकर वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलकर इसे शुरू करने की मांग की गई, लेकिन आज तक इस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। लोग इस अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं। इस तरह बोकारो जिला में ओर कितना सरकार दुवारा बनाई गई भवन है जो बेकार पड़े हुए।