मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो के नावाडीह में मॉडल कालेज का शिलान्यास किया। शिलान्यास के मौके पर मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों का वितरण करते हुए कई योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि पहली क्लास से लेकर डिग्री कालेज तक की शिक्षा शुरू करने की सरकार कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभा के पहले पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को श्रद्धासुमन अर्पित किया। नावाडीह प्रखंड के एक नौजवान, ऊर्जावान, कर्मठ और एक जुझारू नेता, जिन्हें हम टाइगर महतो के नाम से जानते थे, वे हमारे बीच आज नहीं हैं। हमारे मंत्रिमंडल का जो नींव गड़ा, उस नींव को गाड़ने में जगरनाथ महतो की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
हमलोगों ने सरकार का नींव गाड़ा, उस समय हम कोरोना की चपेट में आ गये। कोरोना महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आ गयी। सरकार का ठीक से गठन नहीं हो पाया और इतनी बड़ी मुसिबत हम सबके बीच आ गया। झारखंड प्रदेश कई समस्याओं से जुझ रहा था। अनजान बीमारी हमारे सामने आयी, जहां स्वास्थ्य सुविधा, डाक्टरों, दवा दारू का घोर अभाव था। कोरोना चुनौती बन कर आयी। हमलोगों को घर में ताला लगा कर रहने का आदेश हो गया। सड़क पर कोई नहीं रहता था। हमारे मंत्रिमंडल में ऐसे ऐसे लोग मौजूद रहे, जो हमेशा चुनौतियों को स्वीकार करते और उससे संघर्ष करते आगे बढ़े। चाहे वह आदरनीय चंपाई सोरेन हों, जोबा मांझी हों, टाईगर जगरनाथ महतो हों।
ये सभी लोग संघर्ष के ऊपज हैं। कोरोना काल में मजदूरों को ढो-ढो कर लाये और उनके घरों तक पहुंचाया। टोलों, प्रखंडों में दीदी बहनों के साथ मिल कर दाल भात योजना चलायी। किसी को भूखा मरने नहीं दिया। हमने अपने मंत्रियों को कहा था कि आप अपने लोगों के बीच में ज्यादा न रहें। लेकिन हमारे मंत्रीगण माननेवाले कहां थे। महामारी में जंग लड़ते लड़ते दो-दो मंत्री शहीद हो गये। इनमें हाजी हुसैन अंसारी को कोरोना ने लील ली। जगरनाथ दा को जब कोरोना ने चपेट ने लपेट लिया। एक बार तो बचा लिया। पर आपलोगों के बीच में रहने की पुरानी आदत से वे बाज नहीं आये। नया जीवन मिलने के बाद उनके आम लोगों तक जाने की ख्वाहिश ने उन्हें हमसे छीन लिया। लेकिन ऊपर वाले ने हर लोगों को दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो नाक दिये हैं। बुद्धि-विवेक दिया है। वैश्विक महामारी में मजबूती के साथ लड़े। अगल बगल में लोग जानवरों की तरह मर रहे थे। लेकिन झारखंड में अफरा-तफरी की स्थिति नहीं रही। शांतिपूर्ण स्थिति रही। अगल-बगल के लोग झारखंड में आये और स्वस्थ होकर गये।
राज्य तो अलग हमारे भगवा नेताओं ने कर दिया। 20 साल तक ऐसे कुराफातों ने दिशा दिखायी, जिससे झारखंड के विकास की गति थम गयी। विकास की गाड़ी पटरी पर नहीं, बल्कि कीचड़ पर थी। बड़ी मुश्किलों से आज हम लड़ पाये। आज आप देखिये। दो साल तो कोरोना के समय हिल-डुल नहीं पाये। एक साल की उपलब्धि काफी है। बदलता स्वरूप आपको दिखता होगा। यहां की अपनी पीढ़ी के लिए मॉडल स्कूल नावाडीह का निर्माण हुआ है। 20 साल में ऐसे स्कूल नहीं बने, हजारों सरकारी स्कूल बंद हो गये। अब सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर चलेगा। आज अनेकों योजनाएं हम इस राज्य की तकदीर बदलने के लिए बनाये हैं। अभी तो शुरुआत ही किया है। इससे पहले यहां के लोग जीने के लिए जद्दोजेहद करते थे। 2019 के पहले राज्य में भूखा मरते हुए देखा है। हाथ में राशन कार्ड लेकर घूमते थे। महामारी में एक भी आदमी को भूखा मरने नहीं दिया। हर वो योजना वह बनती है, जो इस राज्य को दिशा दे पाये। आपकी भावना और आपके काम के अनुरूप हम योजना लाते हैं।
युवाओं के लिए एक अलग रास्ता. जो अनपढ़ हैं उनके लिए योजनाएं हैं, महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए छात्रों के लिए योजना बनायी है। आदिवासी, दलित, पिछड़ा अल्पसंख्यक का बच्चा विदेश में पढ़ रहा है। सरकार पूरा खर्चा के साथ भेज रही है। अब हमारे बच्चियों को पढ़ने की चिंता नहीं है। आपलोग पढ़ाईये अपने बच्चियों को। आठवां, नौंवां होता नहीं है, परिवार दूल्हा ढूंढ़ने लगते हैं। अब ल़ड़का-लड़की कंधे से कंधा मिला कर पढ़ रही हैं। सावित्रि बाई फुले योजना हमने बच्चियों के लिए लाया है। सावित्रि बाई फुले ऐसी दलित महिला थी, जो पिछड़ी जाति की सबसे पहली शिक्षक थ। उस महिला ने आज इतिहास रचा। लड़कियों, बच्चियों को जोड़ रहे हैं। नौ लाख बच्चियों को जोड़ना है, ताकि वह स्कूल की पढ़ाई न छोड़ें। इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य की पढ़ाई करने के लिए भी सरकार पैसा देगी। पढ़ाई की चिंता नहीं करें। इंजीनियरिंग, डाक्टरी, लॉ की कोचिंग करनी है, तो सरकार पैसा देगी।
दो दिन पहले हमने गुरूजी क्रेडिट कार्ड योजना बनाया है। बच्चों को 15 लाख रुपये मिनिमम ब्याज पर कर्ज देंगे। दूसरे दिन से इसे वापस नहीं होगा। पांच साल तक पूरा पढ़ाई करने पर कर्ज वापस नहीं करना है। सातवें साल से सरकार कर्ज के रूप में पैसा लेगी। बैंक में आप जाइये तो पता चलेगा कि बैंक लोन नहीं देता है। हमने यहां संकल्प लिया है कि हमारी आनेवाली पीढ़ी शिक्षत होगी। मॉडल स्कूल, बेहतरीन कालेज, इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज बनायेंगे। नावाडीह में आपलोगों का डिग्री कालेज का शिलान्यास होगा। जगरनाथ महतो जी का सपना था। 26 करोड़ की लागत से कालेज बनायेंगे। गोमिया में भी एक डिग्री कालेज बन कर तैयार हो चुका है। अब उसका उदघाटन हम यहां से कर रहे हैं। एक डिग्री कालेज का उदघाटन हो रहा है, दूसरा डिग्री कालेज का शिलान्यास हो रहा है। नावाडीह से कई योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा आप एक कदम आगे बढ़िये सरकार चार कदम आगे बढ़ेगी। 10 हजार महिलाओं के बीच 56 करोड़ की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया है। सरकार गांव, शहर, कस्बों के लिए कई योजना चला रही है। मुख्यमंत्री रोजगार योजना के माध्यम से स्वरोजगार योजना चलायी जा रही है। 50 हजार से लेकर 25 लाख तक का कर्ज सरकार दे रही है। आप कार्ययोजना बनाइये। सरकार ने स्कार्पियो एक लाख रुपये में दिया है, जिसकी बाजार की कीमत 15 लाख है। अब वह नौजवान अपना गाड़ी चलायेगा। अगर आपके पास हुनर है, तो मालिक बनिये, नौकर नहीं। राशन दुकान, पार्लर, नाई की दुकान, जूता, चप्पल, होटल, रेस्टूरेंट, टेंट हाउस के लिए सरकार राशि दे रही है। आपको जो काम करना है, महिला और पुरुष हो सबको काम के लिए पैसा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में महिलाएं परिवर्तन चाहती हैं।
अब वह ट्रैक्टर भी चला रही हैं। पहले तो विश्वास नहीं हुआ। महिलाएं स्वरोजगार के लिए निकल रही हैं। खेती-बाड़ी का काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री पशुधन योजना का लाभ ले रही हैं। आज के दिन में जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, जो कई बीमारियों से ग्रसित हैं। 40 फीसदी कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। हमलोगों ने अपने पूर्वजों, परंपरा को खत्म कर दिया है। इसलिए बच्चे कमजोर हो रहे हैं। 25 साल पहले गांवों में गाय, बैल, बकरी की भरमार थी। अब गांव में ट्रैक्टर और अन्य दिखते हैं। पशुधन नहीं बचा पा रहे हैं लोग। जिस घर में पीने के लिए दूध, मांस हो, मछली हो, तालाब है, तो हमारे गांव का बच्चा कमजोर पैदा हो, यह हम विश्वास नहीं कर सकते हैं। इस बार जो भी जानवर पालियेगा, वह बीमित होगा।
बिरसा हरित ग्राम योजना चलायी है। मौसम आंख मिचौली खेल रहा है। बारिश नहीं हो रहा है। भारी गरमी, भारी ठंड पड़ रही है। झारखंड के लोग मात्र गेंहू, धान ही उपजा पा रहे हैं। इसलिए 12 महीने मौसमी फल उपजाइये। आम, कटहल, अमरूद, शरीफा, लीची का पेड़ लगाईये। आज कर ऐसे पेड़ आ रहे हैं, जो हर सीजन में फल दे रहे हैं। आम बाजार में गरीब लोग खरीद नहीं सकता है। गरीब यदि आम लगायेंगे, तो वे खायेंगे और बेचेंगे भी। सारे बुजूर्गों को सर्व जन पेंशन दिया जा रहा है। 60 साल का कोई भी व्यक्ति अब बिना पेंशन का नहीं रह रहा है।