L19/DESK : झारखण्ड में मुख्यमंत्री के नाम से चल रही मेधा छात्रवृति योजना को लेकर छात्रों की रुचि नहीं के बराबर दिख रही है,क्यूंकि इस साल 2023 के लिए गए आवेदन में 12 जिले ऐसे हैं, जहां महज 10 फीसदी ही आवेदन आए हैं। वहीं पांच जिले तो ऐसे हैं जहां से केवल 500 छात्रों ने आवेदन डाला है। इधर शिक्षा सचिव के रविकुमार ने आवेदन की शुरुआत में सभी जिले को लक्ष्य पूरा करने को कहा था। आवेदन की संख्या नहीं के बराबर आने की वजह से एक बार फिर आवेदन की तिथि बढ़ा दी गयी है। वहीं सभी जिले को इसे गंभीरता से लेने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा के आवेदन के आंकड़े बताते हैं कि अब तक आवेदन में रांची जिला सबसे आगे है फिर भी लक्ष्य से पांच गुणा पीछे हैं। रांची जिले का लक्ष्य 15904 आवेदन का है। जबकि आए हुए आवेदन की संख्या महज 3059 है। राज्य में सबसे अधिक आवेदन दो जिले से हुए हैं। इनका आंकड़ा 27 फीसदी है। जिन दो जिले में सबसे ज्यादा आवेदन हुए हैं, वे साहेबगंज और पश्चिमी सिंहभूम जिला है। सिमडेगा, गुमला, रामगढ़, पाकुड़, गढ़वा ऐसे जिले हैं, जहां 500 से भी कम आवेदन हुए हैं। वहीं चतरा,पलामू, देवघर, कोडरमा, बोकारो, धनबाद, दुमका, रामगढ़, पाकुड़, गढ़वा, सिमडेगा, व गुमला में 10 फीसदी आवेदन जमा हुए हैं।
क्या है मेधा छात्रवृति योजना
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति राज्य सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी छात्रवृत्ति योजना है,इसके तहत कक्षा आठ में परीक्षा ली जाती है। चयनित पांच हजार विद्यार्थी को कक्षा नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष 12 हजार रुपये दिये जाते हैं।
“मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना” के लिए नहीं मिल रहे आवेदक,शिक्षा विभाग ने आवेदन की तिथि बढ़ायी
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