L19 DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन को व्हाइट हाउस में झारखंड में निर्मित तसर सिल्क उपहार स्वरूप दिया है। विशेष खानम के दस तोहफे पीएम मोदी अपने साथ अमेरिका लेकर गये हैं। ये खास उपहार देश के अलग-अलग राज्यों से मंगाए गए थे। इनमें झारखंड में बना तसर सिल्क का कपड़ा भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तसर सिल्क अमेरिका ले जाकर झारखंड और आदिवासियों का सम्मान किया है।
आदिवासी कल्चर का हिस्स है तसर सिल्क
तसर सिल्क का उत्पादन करने वाले अधिकतर लोग आदिवासी और पिछड़े हैं। यहां सदियों से आदिवासी कल्चर में रेशम जुड़ा हुआ है। रोजगार का बड़ा माध्यम भी तसर का उत्पादन और प्रसंस्करण है। देशभर में उत्पादित तसर का 50 प्रतिशत का उत्पादन भी झारखंड में होता है। खरसावां स्थित कुचाई, आमदा, चांडिल, गोड्डा के भगैया, मंडरो, पलामू और दुमका में बड़े पैमाने पर तसर के कपड़े बनते हैं।
तसर अनुसंधान केंद्र नगड़ी के वैज्ञानिकों ने बताया कि देश का 50 प्रतिशत तसर सिल्क का उत्पादन यहीं होता है। प्रति वर्ष 1200 से 1500 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है। देश में सिर्फ यहीं प्राकृतिक लरिया इकोरेश तसर भी पाया जाता है। यह सिर्फ साल वृक्ष में ही होता है। यह जंगली प्रजाति दुनिया में सबसे पुरानी है। देश में एकमात्र केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र रांची में है। यहां नॉर्थ ईस्ट के छात्र सेरीकल्चर पढ़ाई के लिए आते हैं।