L19/Palamu : पलामू के मेदिनीनगर शहर से सटकर बहने वाली कोयल नदी के सूख चुकी है। इस वजह से अंतिम संस्कार करने में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने प्रियजनों के निधन पर न तो विधि विधान से अंतिम संस्कार कर पा रहे हैं, और न ही अस्थियां बहा पा रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि अंतिम संस्कार करने के बाद अस्थियों को रेत में ही दफनाना पड़ रहा है ताकि बारिश आयेगी और अस्थियां बह जायेंगी। नदी इस कदर सूख चुकी है कि लोग पार्थिव शरीर को स्नान भी नहीं करा पा रहे हैं। रेत में गड्ढा करने के बाद जो थोड़ा बहुत पानी इकट्ठा होता है, उसी से शवों को नहलाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कोयल नदी की रेत में 48 अस्थियों को दफनाया गया है। इधर, नदी किनारे स्थित पहाड़ी मुहल्ले श्मशान घाट में अप्रैल से लेकर अब तक 48 शवों का दाह संस्कार कर दिया गया है मगर अस्थियां नहीं जलायी जा सकी हैं। ऐसे में मजबूर होकर अस्थियों को रेत में दफनाना पड़ रहा है। दाह संस्कार के बाद बची चिता की राख को भी इकट्ठा कर रखा गया है ताकि बारिश के बाद उन्हें बहाया जा सके। बता दें, पलामू जिले में इस गर्मी अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार तक गया है। हर बार की तरह इस बार भी डाल्टनगंज में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी रही। बीते सोमवार को भी पलामू का अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड, बिहार, यूपी और उत्तराखंड की लगभग 175 नदियां सूख गई है। इनमें झारखंड की 44 नदियां शामिल हैं। राज्य के मुख्यतः 4 जलप्रपात दशम, हुंडरू, सीता और जोन्हा का स्वरूप ही बिगड़ गया है। कभी सालभर कलकल करने वाले ये झरने मार्च में ही सूख गए।