L19 DESK : झारखंड के अब सभी पुस्तकालय मास्टर सोबरन मांझी पुस्तकालय के नाम से जाने जायेंगे। झारखंड के सारे राजकीय, अराजकीय पुस्तकालय का विकास मास्टर सोबरन मांझी पुस्तकालय योजना के अंतर्गत किया जाएगा। स्थापना, विस्तारीकरण व विकास इसी योजना के तहत किया जाएगा। सरकार की ओर से शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है। बनाम परिवर्तन से उनके मूल सृजित पद एवं वेतन आदि पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा। मूल सृजित पद एवं वेतन आदि की प्रकृति पूर्ववत बनी रहेगी।
बता दें कि राजकीय,अराजकीय पुस्तकालय में स्वीकृत पदों को छोड़कर शेष सभी पदों में बाह्य स्रोत से कर्मियों की सेवा ली जा रही है। राज्य में अभी चार राजकीय पुस्तकालय एवं अराजकीय पुस्तकालय अंतर्गत एक प्रमंडीय पुस्तकालय, 10 जिला स्तरीय पुस्तकालय, सात अनुमंडलीय पुस्तकालय संचालित किया जा रहा है। वहीं कोडरमा एवं रामगढ़ में जिलास्तरीय पुस्कालय संचालित है।
राजकीय पुस्तकालयों के कर्मियों को राज्य सरकार के कर्मियों की भांति वेतन-भत्ता अनुमान्य है, जबकि अराजकीय पुस्तकालय में कर्मियों को मानदेय भुगतान के लिए सरकार राशि आवंटित करती है। पहले इन पुस्तकालय के नाम की व्यवस्था अनुमंडलीय व्यवस्था के अनुसार हुआ था और ये राजकीय व अराजकीय पुस्तकालय के नाम से जाना जाता था।
ऐसे में कई पुस्तकालय जहां है, वे अनुमंडल से जिला में बदल दिए गए। इसलिए इनके नाम के लिए अलग से नामांकरण की जरूरत महसूस हो रही थी। बता दें की जल्द ही सारे पुस्तकालयों के नाम में बदलाव किया जाएगा।