L19/Ranchi : राजधानी के नामकुम में 206 नई एंबुलेंस पिछले 10 महिना से सड़ रही हैं। इसकी दो कारण हैं पहला तो इन एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है,दूसरा यह कि प्रोक्योरमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से नेशनल हेल्थ मिशन NHM को हैंडओवर नहीं दिया गया है। नामकुम स्थित NHM परिसर में 108 एंबुलेंस खड़ा है जिसमे कि अधिकतर के टायर सड़ रहे हैं। पौधे और झाड़ियां उग गई हैं। एंबुलेंस की छत पर जंग भी लग चुका है। जब पूरे मामले की छानबीन की तो पता लगा कि करीब 50 करोड़ रुपए की लागत से खरीदी गईं 206 लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस कबाड़ बन चुका हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी उन नई एंबुलेंस को खराब होने के लिए छोड़ दिया गया है। झारखंड में मरीजों की अस्पताल तक आसनी से पहुंच के लिए सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा शुरू की थी। जिकित्जा हेल्थ केयर द्वारा संचालित इस सेवा के लिए NHM ने 337 गाड़ियों की खरीद कर हैंडओवर किया था। वर्तमान में इनकी स्थिति बहोत ही खराब है । वहीं हर जरूरतमंद मरीज को इसका लाभ मिले, इसी उद्देश्य से NHM ने 206 एंबुलेंस भी खरीदा गया था । लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से ये बेकार खड़ी हैं।
नहीं दिया जा रहा है ध्यान एंबुलेंस की रख रखाव में
पड़ताल में पता चला कि अभी चल रहीं 337 एंबुलेंस में से 76 का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट फेल है। कई एंबुलेंस को बिना फिटनेस जांच के पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दे दिया गया है। इनसे काला धुआं निकल रहा है। 22 एंबुलेंस का इंश्योरेंस भी अपडेट नहीं है।