L19/Bokaro : स्टील प्लांट से निकलने वाले एस से प्रभावित विस्थापित गांव के विस्थापितों ने सेल प्रबंधन और जिला प्रशासन के विरुद्ध जोरदार हल्ला बोला है। पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे एस पौंड के विस्थापितों ने विस्थापित एस पौंड कंपार्टमेंट स्लैग डेम कमिटी के बैनर तले अपनी बातों को प्रेस मीडिया के सामने रखते हुए मांगे पूरी नहीं होने पर जान देने की चेतावनी दी है । शुक्रवार को विस्थापित एस पौंड कंपार्टमेंट स्लैग डेम कमिटी के नेता रघुनाथ महतो ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि यहां की समस्याओं को लेकर कई बार सेल प्रबंधन और जिला प्रशासन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई लेकिन आज तक धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ, सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई बोकारो स्टील कारखाना से निकलने वाले एस से प्रभावित विस्थापित गांव के विस्थापित बीमार होते जा रहे हैं।
ऐस से निकलने वाले प्रदूषण से लोग सांस की बीमारी व फेफड़े के रोग से ग्रसित हो रहे हैं। यहां के विस्थापित सेल को जमीन देकर सिर्फ एस पाउंड का धूल फांक रहे हैं, किसी तरह का विकास यहां नहीं किया गया नाही विस्थापितों का पुनर्वास दिया गया, नाही नियोजन और ना ही मुआवजा दिया गया, सेल प्रबंधन हमेशा से विस्थापितों को छलता आ रहा है। जिससे अब विस्थापित आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। हम अपना हक और अधिकार लेकर रहेंगे इस दौरान कई विस्थापित महिलाओं ने भी खुलकर सेल प्रबंधन और जिला प्रशासन के खिलाफ बोलते हुए कहा कि सेल प्रबंधन हमें यहां मरने के लिए छोड़ दिया है।
हमारी खेती की जमीन बर्बाद हो गई पीने का पानी ,कुएं में एस पॉड का डस्ट तैर रहा है, हम सांस लेते हैं तो ऐश पौंड का डस्ट हमारे शरीर में जाकर हमें बीमार कर रहा है, हमारे खाने में एस पौंड का डस्ट जहर घोल रहा है। मगर सेल प्रबंधन हमारे लिए नही सोच रहा है, ना हम खेती के लायक रहे और ना ही हमें नियोजन दिया जा रहा है, जिससे हमारे बच्चे भी बेरोजगार होकर पलायन कर के दूसरे जिले या राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं। सेल प्रबंधन ने झारखंड सरकार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के द्वारा जारी आदेश को भी दरकिनार करते हुए मनमानी कर रहा है ,जिसमें खेती की जमीन पर एस गिराने की अनुमति नहीं है, लेकिन इस बार हम विस्थापित अब यह ठान लिए हैं, कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो हम सब विस्थापित जान देने को तैयार हैं ।