L19/Ranchi : खनन मंत्री रहते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने नियम विरुद्ध जाकर अपने रिश्तेदारों को माइनिंग लीज आवंटित कर दिया। इस पर आरटीआई एक्टिविस्ट सह अधिवक्त सुनीत कुमार महतो ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायक की थी। इस मामले में आज सुनवाई हुई। यह सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका। सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया।
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की
जिसके बाद अनुरोध पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है। इसी मामले में पिछली सुनवाई तीन अप्रैल को हुई थी। पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रार्थी व राज्य सरकार की दलीलों को सुना। प्रार्थी की दलील पर विचार करने के बाद राज्य सरकार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दायर करने का निर्देश दिया।
आज हुई सुनवाई में सरकार की ओर से मांगा समय
साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने एक मई की तिथि निर्धारित की। आज हुई सुनवाई में सरकार की ओर से समय मांगा गया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। दायर याचिका के अनुसार खान विभाग के मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज का आवंटन कराया है। वहीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन आवंटित किया गया। सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को भी खनन लीज आवंटित हुआ है।
राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इस जनहित याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसी तरह के मामले में शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। सीएम हेमंत सोरेन व अन्य के खिलाफ शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका में झारखंड हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।