L19 : रांची के कांके स्थित वधशाला में मीट दुकानदारों को अपने जानवर ले जाकर वहां कटवाने और इसके बाद अपने दुकानों में मीट बेचने और रांची नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई । इस सुनवाई को लेकर समय की मांग की गई जिसपर कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च को दी है । फिलहाल न्यायमूर्ति राजेश कुमार की कोर्ट ने रांची नगर निगम के आदेश पर झारखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है । इस मामले में रांची नगर निगम की ओर से प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की ।
शुरुआती सुनवाई के समय रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि वधशाला में जानवरों को काटने से पहले क्या प्रोसीजर होगा उसका संकल्प तैयार कर गजट लाने के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है । इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि कांके के वधशाला में मीट कटने के संबंध में उसका क्या स्टैंड है । इसे शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश कोर्ट ने सरकार को दिया था । पूर्व में सुनवाई के दौरान निगम की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि कांके स्थित वधशाला में जानवरों को काटने के पहले डॉक्टरों के द्वारा उनका चेकअप किया जाएगा, यह देखा जाएगा कि जानवरों को कोई बीमारी तो नहीं है । रांची नगर निगम ने एक आदेश निकाला है जिसके तहत सभी मीट दुकानदार कांके स्थित वधशाला में ही अपने जानवरों को काटने के लिए ले जाएंगे और ऐसा नहीं करने वाले दुकानदारों से 2 हजार जुर्माना वसूला जाएगा । पहले ही कोर्ट ने रांची नगर निगम के इस आदेश पर रोक लगा दी है । दरअसल, कुरैशी पंचायत एंड शॉपकीपर वेलफेयर सोसाइटी की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया है कि कांके स्थिति वधशाला में जानवरों को काटने संबंधी नगर निगम के आदेश सही नहीं है ।