L19 DESK : झारखंड के 34 निकाय परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल आज से 30 अप्रैल तक समाप्त हो जाएगा। उनकी सभी शक्तियां आज से प्रशासक को सौंप दी जाएंगी। अब निकायों में पदस्थापित कार्यालय प्रधान (यानी नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी) अगले निर्वाचन तक प्रशासक के रूप में काम करेंगे। उन्हें आवश्यकता के अनुसार नगर विकास एवं आवास विभाग से परामर्श लेना होगा।
यह व्यवस्था 28 अप्रैल यानि आज से शुरू हो गई है । मतलब अब सीधे तौर पर 34 निकायों की कमान अब अफसरों और स्टाफ के हाथ में होगी। नगर निकायों के बोर्ड के भंग हो जाएंगे। जनता के वोटों से चुने गए मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और वार्ड काउंसिलर अधिकार विहीन हो जाएंगे। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया । बता दें कि इन निकायों में 27 अप्रैल तक चुनाव हो जाना था लेकिन कुछ कारणों से चुनाव नहीं हो सका। हालांकि, निकायों के अगले चुनाव कब तक होंग यह तय नहीं हुआ है ।
बता दें कि 34 निकायों का कार्यकाल भी 28 से लेकर 30 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इन निकायों में रांची, हजारीबाग, गिरिडीह, मेदिनीनगर और आदित्यपुर नगर निगम शामिल हैं। इनके अलावा गढ़वा, चतरा, मधुपुर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, मिहिजाम, चिरकुंडा, फुसरो, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, रामगढ़, चाईबासा और कपाली नगर परिषद तथा नगर उंटारी, हुसैनाबाद, छतरपुर, लातेहार, डोमचांच, राजमहल, बडहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, खूंटी, बुंडू और सरायकेला-खरसावां शामिल है।
बता दें कि नगर विकास विभाग ने साल 2023 में बिना ओबीसी आरक्षण के राज्य के 48 नगर निकायों में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था । नगरपालिका अधिनियम 2011 में संशोधन करने के बाद आरक्षण रोस्टर में भी बदलाव किया गया था। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।