L19 DESK : राज्य के 61,141 पारा शिक्षकों को सहायक अध्यापक में बदले जाने को लेकर प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हो गयी है। सर्टिफिकेट जांच के क्रम में फर्जी शिक्षकों की बड़ी संख्या सामने आ रही है। कईयों पर हत्या जैसे संगीन आरोप लगे हुए हैं। वहीं कईयों पर क्रिमिनल केस लगे हैं। इन सब पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। विभागीय आंकड़े के मुताबिक अब तब 56,837 पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच हो चुकी है। 4834 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। अब तक हुए सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में 344 पारा शिक्षक फर्जी पाए गए हैं।
ये विभिन्न कारणों से अयोग्य पाए गए हैं। फर्जी पाए गए शिक्षकों में से 57 पर कार्रवाई की गयी है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिला को पत्र लिखकर कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। वहीं अब तक मिले आंकड़े के पाया गया है कि गलत तरीके से सबसे ज्यादा पारा शिक्षक गिरिडीह जिले से ही हैं। फर्जी पाए जाने के डर से कई पारा शिक्षकों ने तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान ही इस्तीफा दे दिया है।
राज्य में 61,141 पारा शिक्षक हैं। ये अब सहायक अध्यापक हैं। इनमें से 56,837 के सर्टिफिकेट की जांच पूरी हो चुकी है। 4834 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। जितने पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच हो चुकी है, उनमें से 344 पारा शिक्षक फर्जी पाए गए। इस आंकड़े में 243 पारा शिक्षक ऐसे मिले जो फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इनका मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक या फिर प्रशिक्षण (बीएड-डीएलएड) का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। 30 शिक्षकों ने सर्टिफिकेट जांच के दौरान ही इस्तीफा दे दिया। 59 पारा शिक्षा अनैतिक रूप से बहाल थे। 12 पारा शिक्षकों पर क्रिमिनल केस थे।
आंकड़े के मुताबिक सबसे ज्यादा गलत तरीके से नियुक्त पारा शिक्षक गिरिडीह में हैं। यहां 60 पारा शिक्षक गलत प्रमाणपत्रों के आधार पर बहाल पाए गये। वहीं, कोडरमा में 51, रांची में 26, रामगढ़, हजारीबाग में 20-20, साहिबगंज में 18, देवघर-पाकुड़ में 17-17, बोकारो में 14, पूर्वी सिंहभूम में 13, गढ़वा-लोहरदगा में 11-11, सरायकेला खरसावां में 10 पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट पर बहाल हैं। इसके अलावा लातेहार मे नौ, पलामू मे आठ, धनबाद में सात, चतरा-खूंटी में छह-छह, दुमका-गुमला-पश्चिमी सिंहभूम में चार-चार पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट में काम करते पाए गए हैं।