L19. जेएनयूआरएम योजना में सिंहमोड़, पुनदाग, कुसई कालोनी में पानी की टंकी बनायी गयी। अब गर्मी लोगों की परेशान कर रही है। नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे कह रहे हैं कि सात दिनों में जलापूर्ति व्यवस्था सुधार ली जाये।
12 सालों में शहर में जलापूर्ति योजना पर अब तक 800 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं। जेएनएनयूआरएम और मिसिंग लिंक के काम पर करीब 300 करोड़ रुपए पहले ही खर्च हो चुके हैं। मिसिंग लिंक का काम भी एलएनटी को दिया गया था । अम्रुत, एशियन डेवलपमेंट बैंक और राज्य सरकार के फंड से ली गई योजना पर भी अभी तक करीब 530 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
कैसे हुआ भ्रष्टाचार का खेल
जेएनएनयूआरएम से बिछाई जा रही पाइपलाइन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। क्योंकि सरकार ने जिन कंपनियों को निविदा देकर समझौता किया। उन कंपनियों ने पाइपलाइन बिछाने के नाम पर आठ एमएम, 16 एमएम, 30 इंच और 32 एमएम व्यासवाले पाइप पहले ही खरीद लिये। इसका भुगतान भी अग्रिम के रूप में कंपनियों ने ले लिया। अफसरों ने लागत 100 करोड़ रुपए बढ़ा दी, पर सभी क्षेत्रों में पाइपलाइन नहीं बिछाई गयी। जिन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछी, उनमें भी कई मुहल्लों में पानी नहीं पहुंचा। अमृत और एडीबी के फंड से पाइपलाइन बिछाने का काम कोरोना की वजह से धीमी हुई। फिर रफ्तार तेज हुई तो पथ निर्माण, एनएचएआई ने कई स्थानों पर रोड काटने के लिए एनओसी नहीं दिया। इस वजह से पाइपलाइन नहीं बिछी।
एलएंडटी, जिंदल, नागार्जुना कंस्ट्रक्शन ने जलापूर्ति योजना फेज-1,फेज-2 ए और फेज-2 बी का ठेका लिया है। जुडको की निगरानी में काम हो रहा है, पर रफ्तार काफी धीमी होने से पाइप बिछाने व जलमीनार का मात्र 65% ही काम हुआ है। जेएनएनयूआरएम से बिछाई जा रही पाइपलाइन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। अमृत और एडीबी के फंड से पाइपलाइन बिछाने का काम कोरोना की वजह से धीमी हो गयी. एलएंडटी, जिंदल, नागार्जुना कंस्ट्रक्शन ने जलापूर्ति योजना फेज-1, फेज-2 ए और फेज-2 बी का ठेका ले रखा है. जुडको की निग
रानी में काम हो रहा है, पर रफ्तार काफी धीमी होने से पाइप बिछाने व जलमीनार का मात्र 65% ही काम हुआ है।
बकरी बाजार में बन रही इस जलमीनार से जून से जलापूर्ति शुरू करने की योजना है, लेकिन 4 साल बाद भी अधूरी
एलएंडटी को 290.8 करोड़ की लागत से 563.26 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाने का कार्यादेश मिला था। जिसके तहत 486.43 किलोमीटर पाइप बिछायी गयी है। 1.06 लाख हाउसहोल्ड कनेक्शन की जगह 34711 कनेक्शन दिये गये हैं। वहीं योजना के दूसरे चरण को की लागत- 290.88 करोड़ 563.26 किमी पाइप बिछानी है 486.43 किमी पाइप बिछी है 1,06,935 घरों में कनेक्शन देना है 34,711 घरों में ही कनेक्शन मिला।
फेज-2 शहरी जलापूर्ति के लिए 290.88 करोड़ में नागार्जुना कंस्ट्रक्शन को काम दिया गया। 489 किलोमीटर की जगह 186 किलोमीटर की पाइप बिछाया गया। इसके बावजूद फेज-2 (बी) का काम 266.13 करोड़ की लागत से 266.13 करोड़ की योजना शुरू करा दी गयी। जिंदल लिमिटेड की तरफ से 38,143 घरों में कनेक्शन देना है 5,067 घरों में ही कनेक्शन दिया गया।