L19/DESK : कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में हो, तो वह फलदायी होता है। दीपावली में मां लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त और विधि विधान से करें, तो सालों भर मां की कृपा बरसती रहेगी । इस बार दीपावली पर्व का महालक्ष्मी पूजन रविवार को होगा। दोपहर दो बज कर 45 मिनट से अमावस्या तिथि शुरु होगी। स्वाति नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में लक्ष्मी पूजन होगा। महालक्ष्मी पूजन का प्रथम शुभ मुहूर्त शाम 5:16 बजे से 6:58 बजे तक और द्वितीय शुभ मुहूर्त अमृत योग 6:58 बजे से रात्रि 8:40 बजे तक रहेगा।
ज्योतिष पंडित बाबा रामदेव के अनुसार महालक्ष्मी के दिन सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे इसलिए कर्क, वृश्चिक, मीन राशि को लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए। सुबह स्नान ध्यान के बाद पंचदेव पूजन कर प्रधान दीपक जलाना चाहिए। मातृका पूजन, ग्रह पूजन के बाद गणपति भगवान और लक्ष्मी सपरिवार स्थापन कर प्रतिष्ठित करना चाहिए। घर को साफ सुथरा कर सायंकाल शुभ मुहूर्त में पूजा कर सर्व कामना के लिए मां लक्ष्मी का संकल्प पूर्वक पूजन करना चाहिए। दूसरे दिन प्रसाद को सभी मित्रजनों को बांटे। ज्योतिष पंडित बाबा रामदेव बताते हैं, सोमवती अमावस्या पर श्राद्ध, स्नान दान, जप, तप, गरीबों को नववस्त्र तथा अन्य खाद्य सामग्री का सामर्थ्यनुसार दान करना अत्यंत लाभदायक रहेगा।
जो जातक तीर्थ स्थान पर न जा सकें, वो घर में ही गंगाजल मिश्रित जल से स्नान कर लाभ उठा सकते हैं। नारियल, लाल वस्त्र, श्रृंगार पिटारी, रोली, सिंदूर, गन्ना, धूप, ताम्र दीपक, गणेश, लक्ष्मी, कुबेर कार्तिकेय, शिव, पार्वती, पंचदेव मूर्ति, वस्त्र, आभूषण, घूप, नैवेद्य, पंचमेवा, कलावा, फूल, दूध दही, घी, शहद, दूर्वा, अक्षत गंध, पंचमिठाई रंग-बिरंगे फूल, केले, बतासे, खिलौने, पान-सुपारी, दक्षिणा आदि शामिल हैं। 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा (अन्नकूट पूजा) होगी। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित पूजा के दिन सुबह गाय, बछड़े की पूजा के बाद गोपाल गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। गाय को साफ सुथरा भोजन परोस कर तीन प्रदक्षिणा करने से धन-धान्य, सुख सम्पत्ति का लाभ प्राप्त होता है।