RANCHI : झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए आने वाले समय में झटका लग सकता है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने राज्य में बिजली दरों में लगभग 59 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) के समक्ष रखा है। यदि आयोग इस प्रस्ताव को स्वीकृति देता है तो घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक सभी वर्गों के उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। झारखंड बिजली वितरण निगम ने झारखंड झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपने टैरिफ पिटीशन में उल्लेख किया है कि विभिन्न राज्यों में घरेलू श्रेणी के अंतर्गत खपत के लिए अलग-अलग दर निर्धारित झारखंड की दर 200 यूनिट से अधिक खपत लागू होती है।
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JBVNL ने अपनी वार्षिक टैरिफ याचिका में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए निगम को लगभग 15,584 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जबकि मौजूदा दरों के आधार पर अनुमानित आय केवल 9,794 करोड़ रुपये तक सीमित है। इस तरह करीब 5,700 करोड़ रुपये के राजस्व अंतर को भरने के लिए दरों में बड़ी बढ़ोतरी को जरूरी बताया गया है।
निगम का तर्क है कि बिजली खरीद लागत, ट्रांसमिशन खर्च, कर्मचारियों के वेतन और रखरखाव जैसी मदों में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि उपभोक्ताओं से होने वाली वसूली उस अनुपात में नहीं बढ़ पाई है। इसी वजह से बिजली दरों में संशोधन की मांग की गई है।
अब इस प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग सार्वजनिक सुनवाई करेगा, जिसमें उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों से आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। सुनवाई के बाद आयोग अंतिम फैसला लेगा कि दरों में कितनी बढ़ोतरी होगी और कब से लागू की जाएगी।
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यदि प्रस्ताव मंजूर होता है तो झारखंड में पहले से महंगाई झेल रहे आम उपभोक्ताओं पर बिजली बिल के रूप में अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ना तय माना जा रहा है।
