L19 DESK : हर वर्ष पूरी दुनिया 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी के संरक्षण के लिए ओजोन परत की काफी अहम भूमिका होती है। जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी ओजोन है। मुख्यतया इस दिवस का आयोजन करने की वजह यह है कि ओजोन परत के बारे में लोगों को जागरूक करना साथ ही इसे बचाने के समाधान की ओर ध्यान एकत्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। आज हम इस लेख के जरिए आपको बताएंगे कि ओजन क्या है? यह हमरे लिए इतना जरूरी क्यों है और आखिर दुनिया में ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है।
क्या है ओजन ?
ओजोन परत ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं(O3) से मिलकर बनने वाली गैस है। पृथ्वी की वायुमंडल के एक परत को ओजोन परत कहा जाता है। यह सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को पृथ्वी में प्रवेश करने से रोकती है और इन हानिकारक किरणों से होने वाली समस्या से भी बचाती है। ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी।माना जाता है कि यह वायुमंडल की सबसे ऊंची परतों में से एक है, इसलिए यह पृथ्वी के लिए लाभकारी है, लेकिन यदि यह करीब होती तो, इसके कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या पैदा हो सकती थी।
क्या है ओजोन दिवस का इतिहास
विश्व ओजोन दिवस का इतिहास बहुत प्रसिद्ध है। 22 मार्च, 1985 को ओजोन परत की रक्षा के लिए वियना कन्वेंशन में एक प्रस्ताव शुरू किया गया और स्वीकार किया गया। यह प्रस्ताव ओजोन परत के माध्यम से एक छेद की खोज के बाद शुरू किया गया था। प्रस्ताव को अपनाने के साथ, ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 16 सितंबर, 1987 को लागू किया गया था। 1994 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके विश्व ओजोन परत दिवस 2023 के अवलोकन को स्वीकार किया। ओजोन परत के महत्व को देखते हुए 19 दिसंबर, 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने घोषणा की कि हर साल 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद 16 सितंबर, 1995 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दिवस मनाया गया।
क्या है इस साल की थीम
हर वर्ष ओजोन दिवस एक खास थीम के साथ मनाई जाती है। इस साल विश्व ओजोन दिवस की थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: फिक्सिंग द ओजोन लेयर एंड रिड्यूसिंग द क्लाइमेट चेंज’ है। इसका मतलब है कि ओजोन परत की मरम्मत और जलवायु परिवर्तन को कम करने पर जोर दिया जाएगा
ओजोन लेयर का संरक्षण क्यों है जरूरी
बता दे की सूर्य से निकलने वाली किरणें हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे त्वचा रोग और कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती है। UV किरण से त्वचा का कसाव कम होने लगता है और त्वचा ढीली पड़ने के बाद सिकुड़ने लगती है। इसके अलावा, यह अल्ट्रावायलेट रेज़ से भी बचाता है। यह चेहरे और त्वचा पर फाइन लाइन और झुर्रियों का कारण बनती हैं। इतना ही नहीं, बल्कि इन रेज़ से आंखों में भी काफी नुकसान होता है। लोगों की इम्यून सिस्टम भी इन किरणों से काफी प्रभावित होती हैं, जिसके कारण लोग आसानी से किसी बीमारी और इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं।