
L19 DESK : एशिया के पहले आदिवासी बिशप के तौर पर अपनी सेवा दे चुके कार्डिनल टेलिस्फोर प्लासिडस टोप्पो ने बुधवार (4 अक्टूबर) को राजधानी रांची के मांडर में स्थित लिवंस हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांसें ली। वह 83 साल के थे। जैसे ही उनके निधन की खबर आयी, मसीही समाज में शोक की लहर दौड़ गई। आइये इस खबर के जरिये उनके जीवन के अहम पहलुओं के बारे में जानते हैं।
कार्डिनल टेलिस्फोर टोप्पो की जीवनी
कार्डिनल टेलिस्फोर पी टोप्पो का जन्म 15 अक्टूबर 1939 को गुमला जिले के झाड़गांव के कुड़ुख (उरांव परिवार) में हुआ था। उनके पिता का नाम एंब्रोस टोप्पो और माता का नाम सोफिया खलखो था। एंब्रोस-सोफिया की 10 संतानें थीं। टेलिस्फोर इनमें आठवें नंबर पर थे। उन्होंने हाई स्कूल तक की शिक्षा गुमला में ही हासिल की थी। रांची स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज से उन्होंने इंटर व बीए की डिग्री हासिल की। पॉन्टिफिकल अर्बेनियन यूनिवर्सिटी रोम से उन्होंने थियोलॉजी की पढ़ाई की। सेंट जोसेफ हाई स्कूल तोरपा में असिस्टेंट टीचर और प्रिंसिपल रहे। 8 जून 1978 को वे दुमका के बिशप चुन लिए गये। रांची धर्मप्रांत में आर्चबिशप के रूप में 8 नवंबर 1984 से वे काम कर रहे थे। रोमन कैथोलिक चर्च के सबसे बड़ी संस्था कांफ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स ऑफ इंडिया (सीसीबीआई) के अध्यक्ष भी वह रह चुके थे। बिशप बनने के बाद उन्होंने ‘प्रभु का मार्ग तैयार करो’ को अपना आदर्श वाक्य चुना।

दक्षिणी छोटानागपुर चर्च के विकास में अहम योगदान देने वाले टेलिस्फोर पी टोप्पो को वर्ष 2003 में जब कार्डिनल बनाया गया, तो उन्होंने रांची में एक महागिरजाघर की स्थापना का सपना देखा। बाद में उस सपने को पूरा भी किया। टेलिस्फोर टोप्पो समस्त ईसाई समाज के प्रति होने वाले हमले और अशांति की बात भारत के सर्वोच्च पद पर पदास्थापित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि देश में धर्मांतरण कानून लागू करने से पहले राष्ट्रीय स्तर पर चर्च के साथ बैठक की जानी चाहिए। ईसाई मिशनरियों, उनके चर्च और शिक्षण संस्थानों पर हमले बंद हों। ईसाई मिशनरियों के एफसीआरए एकाउंट पर से बंदिशें हटा ली जायें, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव सेवा कार्यों में रुकावट नहीं हो।
आर्चबिशप कार्डिनल टोप्पो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि पोप भारत आना चाहते हैं। उसके लिए समय व तिथि तय की जाये। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि दिल्ली में इसके लिए ईसाई धार्मिक अगुआ से बैठक आयोजित की जाये। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो को आश्वस्त किया कि इस संबंध में जल्द ही बातचीत का सिलसिला शुरू किया जायेगा।
उनके इस अकास्मिक निधन के बाद फिलहाल पूरा मसीही समाज शोक में है।
