L19/Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट का फैसला झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि आरक्षण का लाभ वहीं मिलेगा, जहां जन्म हुआ है। हाईकोर्ट ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली गयी शिक्षक नियुक्ति 2016 के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अगर कोई महिला बिहार में या किसी दूसरे राज्य में आरक्षित श्रेणी में आती है, लेकिन उसकी शादी झारखंड में हुई है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि जिस राज्य में किसी व्यक्ति का जन्म हुआ है, उसे उसी राज्य में आरक्षण का लाभ मिलेगा। वर्ष 2016 में जेएसएससी ने शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें याचिकाकर्ता रीना राणा भी शामिल हुई थीं। मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद याचिकाकर्ता को इंटरव्यू और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था। साक्षात्कार और सर्टिफिकेट की जांच के क्रम में याचिकाकर्ता ने अपने पति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का दावा किया।
जेएसएससी ने रीना राणा को आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया। इसके बाद रीना राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरक्षण की मांग की। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक श्रीवास्तव ने बहस की, वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता श्वेता शुक्ला ने अपना पक्ष रखा, जबकि जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल ने बहस की।