L19 DESK : राज्य में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह और शाम में लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। तापमान में गिरावट होने के कारण वायरल बुखार और जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ी है। मौसम परिवर्तन के साथ ही सर्दी, जुकाम, वायरल बुखार, मलेरिया के मरीजों की संख्या में तो इजाफा हुआ ही है। इस वर्ष पिछले साल की तुलना में गले में इंफेक्शन के मरीज भी ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं। गले में हल्के दर्द और खराश के बाद तेज असहनीय दर्द लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
यह दर्द बढ़ते-बढ़ते बुखार में तब्दील हो जा रहा है। सात से आठ दिन तक लगातार इलाज के बावजूद गले में खराश,दर्द और बुखार ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है। रिम्स के फिजिशियन डॉ। बिंदे कुमार और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ। राजीव मिश्रा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रिम्स के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। करीब 30 से प्रतिशत तक मरीजों में इजाफा हुआ है। दोनों ही विभागों में मरीज 7-10 दिन बाद भी बुखार ठीक नहीं होने का लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं। मरीज की इम्यूनिटी इतनी टूट जा रही है कि उनमें चलने की हिम्मत तक नही बच रही।
कुछ मरीजों में बुखार व बदन दर्द-सर्दी को ठीक करने वाली दवा भी काम नहीं कर रही है। डॉ। बिंदे ने कहा कि मरीज को ओपीडी में जांच कराने की सलाह दी जा रही है। जांच कराने के बाद मरीजों में डेंगू के अलावा इंफेक्शन और टाइफाइड की पुष्टि हो रही है। टाइफाइड में लोगों को बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, पेट दर्द और सूखी खांसी होती है। उन्हें भूख लगनी बंद हो जाती है। कुछ दिनों के बाद, तापमान लगभग 103 से 104° पर पहुंच जाता है, यह अगले 10 से 14 दिनों तक उच्च रहता है, और लक्षण शुरू होने के बाद चौथे सप्ताह के दौरान सामान्य हो जाता है। अभी यहीं स्थिति मरीजों में देखने को मिल रही है।