L19/DESK : यदि आप गरीब हैं यदि आप महिला हैं और झारखंड के सरकारी, निजी या पीपीपी मोड पर चलने वाली पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक या फिर डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे है, तो आपके लिए सरकार की तरफ से एक बहुत बड़ी खुशखबरी है जी हाँ अब झारखण्ड सरकार द्वारा आपको मांकी मुंडा स्कॉलरशिप योजना के तहत लाभ मिलने वाली है, जिसके तहत बीटेक व डिप्लोमा करने वाली छात्राओं को सालाना प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
वीर शहीद बिरसा मुंडा के उलगुलान में बिरसा के सेनापति रहे गया मुंडा की पत्नी मंकी मुंडा के नाम पर झारखण्ड सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा में लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना लाई गई है, जिसे 12 फ़रवरी 2024 को कैबिनेट द्वारा पारित कर दिया गया है। इस योजना के द्वारा डिप्लोमा कोर्स की छात्राओं को सालाना 15,000 रुपए और बीटेक इंजीनियरिंग कोर्स करने वाली छात्राओं को प्रतिवर्ष 30,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
हालाँकि इस योजना के तहत डिप्लोमा कोर्स के लिए हर साल 3,000 छात्राओं को वहीं बीटेक या इंजीनियरिंग के लिए हर साल 1,200 छात्राओं को ही इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सकेगा। इस योजना के लागु होने से राज्य की छात्राओं को तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा निम्न इजिबिलिटी योग्यता रखी गई है जिसे फुलफिल करके इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
..• छात्राओं को 10वीं पास कर राज्य के तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा करने पर
• छात्राओं को 12वीं पास कर राज्य के तकनीकी संस्थान से बीटेक/इंजीनियरिंग में दाखिला लेने पर
• छात्राओं के परिजनों की आय सालाना ₹8 लाख से कम होनी चाहिए
• वार्षिक आय आठ लाख से कम वाले सभी वर्ग के परिवारों की बेटियों को इसका लाभ मिलेगा
• 10वीं और 12वीं में बिना किसी विषय में फेल हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना अनिवार्य
• स्कॉलरशिप योजना का लाभ शैक्षणिक सत्र 2023-24 से मिलेगा
बाकि हमारा फर्ज है की ऐसी योजनाओं को जरूरतमंद लोगों तक पहुचाया जाएँ ताकि वे इसका समय पर लाभ ले सके।
अंत में मंकी मुंडा को भी थोड़ी बहुत जान लेते हैं कि अखिर मांकी नाम के पीछे भी कोई इतिहास है क्या?
मुंडा विद्रोह उलगुलान के समय भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति के रूप में गया मुंडा ने अहम योगदान दिया था अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह करने के कारण गया मुंडा और उसके पुत्र शनरे मुंडा को 6 जून 1900 को फांसी दे दी गई थी जबकि उनके अन्य पुत्र पुत्रियों सहित पत्नी मांकी मुंडा को आजीवन कारावास का दंड दिया गया था जहां जेल भी उनकी मृत्यु हो गई थी।अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उलगुलान करने को लेकर गया ने पूरे परिवार को इस आंदोलन में शामिल किया था इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने गया मुंडा की धर्मपत्नी मंकी मुंडा को सम्मान देते हुए इस छात्रवृत्ति योजना को उनके नाम से रखने का मन बनाया और उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
वैसे सरकार समय समय पर ऐसी दर्जनों योजनायें लाती रही हैं लेकिन इन योजनाओं का कितना सही क्रियान्वन हो पाता है वो तो हम और आप भली भांति जानते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस योजना का सही से लाभ छात्राओं को मिल सके हैं।
