L19/Deoghar : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आइएमए हॉल में सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा एम्स के चिकित्सा पदाधिकारी का दो दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू हुआ। जिसकी अध्यक्षता जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने किया। यह प्रशिक्षण राज्य स्तरीय प्रशिक्षक डॉ गौतम कुमार, डीएफआइटी स्टेट को-ऑर्डिनेटर व जिला स्तरीय प्रशिक्षक बलराम महतो, डीएफआइटी के जिला को-ऑर्डिनेटर ने दिया।
उन्होंने कुष्ठ रोग के पहचान कैसे करे तथा उपचार के साथ कुष्ठ से दिव्यांगता के बचाव को लेकर जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कुष्ट रोगियों को शरीर का समुचित रखरखाव के साथ पैरों में चप्पल पहनने और आग से दूर रहने को कहा। दी गयी जानकारी में उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है, जो बैक्टीरिया से होता है।
मायक्रो बैक्टीरियम लेप्रे नामक बैक्ट्रीरिया के संक्रमण से होता है। इसका असर त्वचा, तंत्रिका तंत्र तथा आंखों पर होता है। समय से जांच और इलाज से यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। इसकी पहचान त्वचा पर लाल, गहरे या हल्के धब्बे उभरना, धब्बे वाले हिस्से का सुन्न होना, त्वचा के प्रभावित हिस्से से बाल झड़ना, हाथ, उंगली या पैर की अंगुलियों का सुन्न होना, आंखों की पलकें झपकाने में कमी आना।