L19/Hazaribagh: आदिवासी समाज ने हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ के जंबुआ गांव में आदिवासी सेंगल अभियान के तहत बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे संगठन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू शामिल हुए थे। इस दौरान मुर्मू ने कहा कि मौजूदा समय में आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उनकी भाषा, संस्कृति और तमाम तरह की पहचान को मिटाने की कोशिश हो रही है। आदिवासियों पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। आदिवासी अस्तित्व संकट में है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व लड़ाई लड़ी जा रही है और अंजाम तक पहुंच कर ही यह लड़ाई रुकेगी। मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों के सवाल को लेकर 15 जून को भारत बंद का आह्वान किया गया है। उनकी प्रमुख मांगों में सरना धर्म कोड लागू करना, संथाली भाषा को राजभाषा का दर्जा देना, मरांग बुरु (पारसनाथ पहाड़) को आदिवासी आस्था से जोड़े रखने और पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था में सुधार की मांग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 30 जून को हूल दिवस के मौके पर कोलकाता के परेड मैदान में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, झारखंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल के आदिवासी आंदोलन को धार देने के लिए एक जुट होंगे। बैठक की अध्यक्षता विष्णुगढ़ प्रखंड सेंगल अध्यक्ष बाबूचंद हेम्ब्रम ने किया था। बैठक में सेंगेल सरना धर्म मंडवा प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार मुर्मू, बोकारो जिला महिला मोर्चा की अध्यक्ष ललिता सोरेन, हजारीबाग जिला अध्यक्ष बहाराम हांसदा, राजाराम बेसरा, फिनीराम मांझी, महेश टुडू, तालो मांझी, श्यामलाल मांझी, राज मोहन टुडू, बेनी देवी, आशा देवी, विरशी देवी, मुंद्रिका देवी, गीता देवी आदि उपस्थित थे।