L19 DESK : यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) और मध्य प्रदेश के सीधी पेशाब कांड के विरोधमें शनिवार को आदिवासी, मूलवासी संगठनों ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया। यूसीसी और सीधी पेशाब कांड का देशभर विरोध हो रहा है। झारखंड में भी इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। शनिवार को रांची के हरमू मैदान में आदिवासी मुलवासी संगठनों के सैकड़ों लोगों ने यूसीसी और सीधी पेशाब कांड के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने बाबूलाल मरांडी इस्तीफा दो, आदिवासियों पर शोषण करना बंद करो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होश में आओ, आफकी तनाशाही नहीं चलेगा जैसे नारे लगाये। विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। हालांकि ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी। मौके पर आदिवासी जनपरिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता कानून नहीं चलेगा। आदिवासी समाज के पास पहले से ही अपना संवैधानिक कानून है, रूढ़िवादी परंपरा है।
झारखंड राज्य में सीएनटी एक्ट और एसपीटी एक्ट कानून लागू है, यूसीसी लागू होने से आदिवासियों के कानून रद्द हो जायेंगे। इसलिए आदिवासी संगठन इसका विरोध करता है। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा के एक नेता ने आदिवासी युवक पर पेशाब किया। इससे आदिवासी समाज काफी मर्माहत हैं। आदिवासी समाज के बच्चों के साथ भाजपा सरकार के समर्थक हर दिन कुकर्म करते हैं।
लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि अब जाकर भाजपा का असली चेहरा सामने आया है। मौके पर विजय शंकर नायक, विश्राम लकड़ा, सुजित तिर्की, कुमुदनी केरकेट्टा, नुसी मिंज, शहजाद इतरीसी, इरफान खान, अफजल खान, जुनैद कुरैसी अंसारी समेत सैकड़ों आदिवासी मुलवासी संगठनों के लोग शामिल हुए।