इस उद्घाटन समारोह मे सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस डिवाई चड़चूड़, कानून मंत्री भारत सरकार, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित 2000 अतिथि बनेंगे गवाह
L19/DESK : करीब 72 एकड़ मे बनी देश का सबसे अनोखा और एको फ्रेंडली न्यायालय भवन का उदघाटन करने हेतु महामहिम राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मु झारखंड पहुँच चुकी है,जहां आज शाम 5 बजे झारखंड हाई कोर्ट भवन राज्य को समर्पित करेंगी।सुप्रीम कोर्ट से 3.5 गुना बड़ा उच्च नयायालय भवन देश का सबसे बड़ा और सुसज्जित न्यायालय भवन है जहां, पर्यावरण के अनुरूप सभी सुविधाओं का कहयाल रखा गया है।
इस भवन का क्या है खासियत
करीब 72 एकड़ मे फैली और 600 करोड़ की लागत से बनी इस भवन की आधारशिला 9 फरवरी 2013 को तत्कालीन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर द्वारा रखी गई थी। इसको 2017 मे ही पूरा होना था,परंतु किसी कारणवश इसके निर्माण कार्य मे देरी के कारण 18 जून 2015 से इसका निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया जो 2023 मे पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो चुका है। इस भवन को बनने मे करीब 8 सालों का लंबा समय लगा। वैसे 2 साल पहले ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो सकता था, परंतु बीच मे कोरोना महामारी के कारण इसके निर्माण कार्य को रोकना पड़ा।
यह भवन सुप्रीम कोर्ट से लगभग साढ़े तीन गुणी बड़ी है। बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट 17 एकड़ भूभाग पर फैली है, इससे कोई भी कल्पना कर सकता है कि झारखंड हाईकोर्ट कितने बड़े क्षेत्र मे बनाई गई है। इस उच्च न्यायालय की न्यू ग्रीन बिल्डिंग का कंस्ट्रक्सन एरिया लगभग 14 लाख वर्ग फिट है। कोर्ट परिसर मे वकील और मुवक्किलों के वाहनों की पार्किंग के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई है, जहां एक साथ 2000 से अधिक वाहनों को पार्क किया जा सकता है,वहीं न्यायाधीशों के वाहनों के लिए मेब्रेन रौफ केनोपी वाले पार्किंग की अलग से व्यवस्था की गई है।
इस कोर्ट परिसर मे 3000 वर्ग फीट की लाइब्रेरी से लेकर खाने-पीने की सुविधाजनक कैंटीन की भी व्यवस्था की गई है। इस परिसर मे घुसते साथ ही खुशनुमा माहौल के साथ पानी का फव्वारा लोगों को रोमांच करता है। परिसर मे छोटे छोटे गार्डेन वातावरण को हरियाली बनाए रखती है। कुल मिलकर देखे तो इस इको फ्रेंडली कोर्ट परिसर मे पर्यावरण को भी ना नुकसान पहुंचे इसका पूरा खयाल रखा गया है।
इसके अलावा 25 भव्य स्टेट ऑफ द आर्ट कोर्ट रूम भी बनाया गया है जो लेटेस्ट फैसिलिटी के साथ फुली एक्यूपिड है।इस भवन व कैंपस में 500 से ज्यादा सीसीटीवी लगाए गए हैं,1200 अधिवक्ताओं को बैठने की जगह है साथ ही 540 चैंबर बनाया गया है। हाईकोर्ट परिसर के एंट्रेंस पर ही एक तरफ पुराने हाईकोर्ट की तस्वीर कॉलर्ज बनाकर सजाई गई है। एक तरफ विधि विशेषज्ञ और राज्य के शहीदों की तस्वीर भी कोलर्स के फॉर्मेट मे लगाया गया है।
सौर ऊर्जा का होगा उपयोग
खास बात ये है की इतने बड़े परिसर और भवन होने के बावजूद यहां बिजली बिल कम आएगा। जी हां. झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन के पार्किंग क्षेत्र में 2000 केवीए का सोलर पावर प्लांट लगाया गया है ,पार्किंग क्षेत्र में ही सोलर पैनल बनाया गया है।कोर्ट परिसर को आत्मनिर्भर बनाने का मकसद है,यह है कि इस परिसर के लिए ऊर्जा खुद ही जेनरेट किया जा सके।