L19/Ranchi : झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का दावा फिसड्डी साबित होने लगा है। मार्च महीने के पहले से रांची में साढ़े तीन लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। जिन क्षेत्रों में नया स्मार्ट मीटर लग गया है, वहां पर समय पर बिजली बिल नहीं दिये जाने से जेबीवीएनएल के उपभोक्ता परेशानी में हैं। उन्हें यह भय सताने लगा है कि कब उनकी बिजली काट दी जायेगी। हजारों उपभोक्ताओं ने अपने-अपने एरिया बोर्ड में जाकर स्मार्ट मीटर से बिजली कनेक्शन जोड़ने की फरियाद पुराने बिजली बिल की प्रति देकर की है। लेकिन सरकार यह कह रही है कि सॉफ्टवेयर में अपग्रेडेशन हो रहा है। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी 100 यूनिट फ्री बिजली स्कीम फंस रही है।
जेबीवीएनएल और बिलिंग एजेंसी के रूप में चंडीगढ़ की कंपनी कंपीटेंट सिनर्जी को जवाबदेही सौंपी है। स्कीम लागू होने से कंज्यूमर महीने में 100 यूनिट ही रीडिंग आए, इसका मासिक मैकेनिज्म बना चुके हैं, ताकि वह इस स्कीम का फायदा उठा सकें। मगर बिलिंग रेगुलर और एक महीने के अंदर नहीं होने से 100 यूनिट से अधिक रीडिंग आ रही है, इससे उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। 100 यूनिट से अधिक अगर 101 यूनिट भी रीडिंग हो जाए, तो 100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ कंज्यूमर नहीं ले पाएंगे। ऐसा ही मामला कई कंज्यूमरों के साथ आया है। जब वे इसकी शिकायत करने डिवीजन के इंजीनियर के पास गए, तो उन्हें कह दिया गया कि यह एजेंसी की गलती के कारण हुआ है। इसमें वे लोग अधिक कुछ नहीं कर सकते हैं।
रांची एरिया बोर्ड में कार्यरत चंढ़ीगढ़ की बिलिंग एजेंसी कांपीटेंट सिनर्जी की कार्यशैली पर शुरू से ही सवाल खड़ा होता रहा है, जब से एजेंसी ने ऑन स्पाट बिजली बिल बिलिंग का कामकाज संभाला है, तब से कंपनी ने किसी भी क्षेत्र में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं किया है। कंपनी की ओर से प्रतिनियुक्त ऊर्जा मित्रों (रीडरों) पर कई गंभीर आरोप भी लगे, पर जेबीवीएनएल ने कोई कार्रवाई नहीं की। बताते चलें कि मई माह का जून में रांची सर्किल के अधीन रांची और खूंटी में सिर्फ 75 प्रतिशत ही ऑन स्पॉट बिलिंग की गयी, जबकि गुमला सर्किल के अंतर्गत गुमला, लोहरदगा एवं सिमडेगा मिला कर 80 प्रतिशत ही बिलिंग हुई। जबकि जून माह का बिलिंग का काम तकनीकी कारण बता कर 10 जुलाई से शुरू किया गया। वहीं कंपनी के आदेश श्रीवास्तव का कहना है कि किसी भी महीने का साफ्टवेयर क्लीयरेंस जेबीवीएनएल की तरफ से समय पर नहीं दिया जाता है। अभी भी सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी चल रही है। इस कारण जुलाई में 10 तारीख से बिलिंग का काम शुरू किया गया है।