“हर तस्वीर कुछ कहना चाहती हैं
अपने पीछे की कहानी दिखाना चाहती हैं
कई यादें होती हैं,जिन्हे बताना चाहती हैं।।
जिन्दगी की दौड़ में छुट गए जो लमहें,
उन्हे फिर से दोरहना चाहती है
हर तस्वीर कुछ कहना चाहती है।।“
आप सोच रहे होंगे ये शेरों शायरी मैं क्यूँ पढ़ रही हूँ ? तो आपको जानकारी के लिए बता दूँ कि सोशल मीडिया में इन दिनों एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है,जी हाँ,,, जी हाँ वही मैडम जिसे आप सोच रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं सिंहभूम से लोकसभा सांसद जोबा मांझी की,इनकी एक वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर, शायद पहली नजर में ये कोई गांव की आम सी महिला लग रही होंगी, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि,यह कोई और नहीं बल्कि झारखंड के 6 बार की पूर्व मंत्री और सिंहभूम लोकसभा की वर्तमान सांसद महोदया हैं। बेदाग छवि वाली सांसद जोबा माझी ने एक बार फिर से अपनी सादगी से लोगों का मन मोह लिया। सांसद महोदया की यह तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर फिलहाल खूब वायरल हो रही है। तस्वीर में जोबा मांझी हाथ में छाता लिये, सफेद साड़ी लपेटे गांव की एक साधारण महिला की तरह दिख रही हैं। भले एक नजर में देखने पर यह तस्वीर कोई बड़ा अजूबा नही लगता ,लेकिन वर्तमान समय की चकाचौंध भरी राजनीतिक दुनीया में बहुत कम ऐसे जमीनी राजनेता और नेत्री होते हैं जो ऐसी सादगी जीवन भी जी पाते हैं। ऐसे में यह तस्वीर जोबा मांझी की जमीन के प्रति लगाव को बयां करने के लिये काफी है।
भले ही डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर जोबा मांझी की उपस्थिति बहुत ही कम हो, लेकिन क्षेत्र में वह अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराती हैं। वह आज भी गांव की मिट्टी और खेती से जुड़ी हुई हैं। जोबा मांझी की सादगी का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि पति देवेंद्र मांझी के विधायक रहते वह चक्रधरपुर के इतवारी बाजार में कभी सब्जी बेचा करती थीं. आज भी राजनीति के शिखर पर पहुंचने और तमाम व्यस्तता के बीच समय निकाल कर वे न केवल घरों का काम करती हैं, बल्कि अपने खेतों में भी एक आम किसान की तरह खेती-बारी का काम करते हुए देखी जाती हैं.वहीँ आम जीवन में सादगी और लोगों के साथ मुलाकात के दौरान सरलता से पेश आना ही उनकी असली पहचान बन चुकी है.
अब जब एक बार फिर से सोशल मीडिया में सांसद महोदया छाई हुई है तो ऐसे में उनके व्यक्तित्व और राजनीतिक जीवन को जानना भी जरूरी है।
जोबा मांझी के राजनीतिक सफर की बात करें तो 14 अक्टूबर 1994 को गोईलकेरा हाट में जब चक्रधरपुर और मनोहरपुर के विधायक रह चुके जल, जंगल व जमीन आंदोलन के प्रणेता देवेंद्र मांझी की हत्या हुई थी. उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी पत्नी जोबा मांझी न केवल अपने पति के सपनों को साकार करने में सफल होंगी, बल्कि राजनीति में स्वयं को स्थापित करते हुए सिंहभूम की आयरन लेडी बन जाएंगी. कॉलहान प्रमंडल के मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक और छह बार कैबिनेट मंत्री का पद संभालने के बाद अब जोबा मांझी सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद भी बन गई हैं. जी हां एक साधारण परिवार से निकलकर राजनीति के इस भीड़ में खुद को स्थापित करना, बल्कि स्थापित ही नहीं..बादशाहत कायम करना वह भी एक महिला होकर बहुत बड़ी उपलब्धि है।
आज एक छोटे से पंचायत के मुखिया भी अपने पद और पावर पर राजनीति चमकाने में कहीं पीछे नहीं रहते और जहां तक हो सके अपनी राजनीति चमकाते हैं साथ ही कोई नेता अगर यहाँ एक टर्म भी विधायक बनता है तो करोड़ों की संपत्ति अर्जित करके आलीशान बंगला और शहर की आधुनिक दुनिया में खुद को सबसे पहले रखता है, जहां अपनी माटी और जमीन को भूल जाता है। लेकिन सांसद महोदयया इसके उलट है हमेशा अपने लोगों के सुख-दुख में अपनों के साथ खड़ी रहती हैं लोगों को मैडम की जब भी जरूरत पड़ती है मैडम खड़ी रहती है। इतनी बड़ी उपलब्धि और स्थान पर पहुंच कर भी अपनी सादगी से आज भी लोगों के दिलों में राज करती है यही कारण है कि बीते 25-30 सालों के अपने राजनीतिक जीवन में कभी असफलताओं का दामन थामना नहीं पड़ा है। जब-जब चुनाव मैदान में मैडम ने अपना दांव आजमाया है हर एक बार जनता का प्यार उन्हें प्राप्त हुआ है।