L19DESK : तकरीबन 37 साल पुराने भोपाल गैस कांड के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया । इस याचिका के जरिए से गैस पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड से करीब 7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी । पांच जजों की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया । खंडपीठ में जस्टिस संजय किशन कौल , जस्टिस संजीव खन्ना , जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी में थे ।
3 दिन तक बहस सुनने के बाद 5 जजों की खंडपीठ ने 12 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था । सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकते । याचिका खारिज करने से पहले कोर्ट ने कहा है कि पीड़ितों को नुकसान की तुलना में करीब 6 गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिया जा चुका है ।
बात दें कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में गैस त्रासदी हुई थी । यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड केमिकल था । टैंक में पानी पहुंच गया । जिसके बाद धमाके के साथ टैंक का सेफ्टी वॉल्व उड़ गया । हालांकि, अधिकारिक तौर पर बताया गया है कि इस त्रासदी में 5,295 लोग मारे गए थे । कुछ संगठन का दावा है कि इस त्रासदी से मरने वालों की संख्या 25 हजार से ज्यादा थी ।