L19/Khunti : देश का झारखण्ड में सबसे पुराना दो भाइयों के बीच संपत्ति बंटवारा का केस खूंटी की अदालत में 72 वर्षों से चल रहा था। शनिवार को यह मामला सुनवाई हो गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सत्यपाल की अदालत ने 31 मई 2023 को मामले का सुनवाई किया। 30 जून 2023 को मामले की अंतिम डिग्री तैयार की गयी। अदालत ने पटना हाइकोर्ट के 1971 के निर्णय के आधार पर दोनों पक्षों से सुनवाई के बाद मामले को निबटाया। बलराम कश्यप के अधिवक्ता तारामणि राम गंझू ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने संबंधित पक्षों के बीच संपत्ति का बंटवारा बराबर-बराबर किया है। ज्ञात हो कि खूंटी के दशरथ राम गंझू और शिव प्रियनाथ गंझू के बीच लगभग 300 एकड़ संपत्ति बंटवारे को लेकर खूंटी कोर्ट में 1951 से केस चल रहा था। 1971 में यह मामला पटना हाइकोर्टपहुंचा था। हाइकोर्ट के खंडपीठ ने 1971 में फैसला सुनाया थ, जिस पर सिविल कोर्ट द्वारा डिग्री जारी किया जाना था। किसी न किसी कारण से फैसला से फेसला टलता रहा।
बताया जाता है कि वर्तमान में केस दशरथ राम गंझू के पोते बलराम कश्यप और शिवप्रियनाथ गंझू का बेटा भागीरथी गंझू के बीच चल रहा था। संपत्ति के बंटवारे को लेकर अदालत द्वारा 11 फरवरी 2021 को अधिवक्ता आयुक्त के रूप में ममता सिंह को बहाल किया गया था। उन्होंने 17 जनवरी 2023 को अपना प्रतिवेदन अदालत को सौंपा था। इस पर दोनों पक्षों ने आपत्ति दर्ज करायी। जिसके बाद कोर्ट ने अधिवक्ता आयुक्त के प्रतिवेदन को निरस्त करते हुए स्वयं अपने अधिकार क्षेत्र में लिया। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों के बीच संपत्ति का बंटवारा कर दिया।