मंत्री ने महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन पर दिया बल

L19/DESK : तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर आई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज दूसरे दिन खूंटी में हैं,इस अवसर पर केंद्रीय अनुसूचित जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित हु। खूंटी के बिरसा मुंडा स्टेडियम मे आयोजित स्वयं सहायता समूह सम्मलेन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अपने सम्बोधन मे कहा कि.. ….. “औपनिवेशिक काल में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार, राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के साथ मिलकर आदिवासियों के उत्थान के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रही हैं। आदिवासी महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण करने का प्रयास कर रही है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि आज राष्ट्रपति हमारे बीच हैं। इस आयोजन के जरिए उद्यमिता विकास में नया अध्याय जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखते हुए उनका विकास ही हमारा लक्ष्य है।”
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण करना ही हमारा उद्देश्य है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के जरिए सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। सुदूरवर्ती दुर्गम इलाकों में जनजातीय और सामान्य वर्ग की महिलाओं को अर्थव्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। झारखंड को धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती के रूप में उल्लिखित करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय विकास के अभियान को नई कड़ी से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक आंदोलन औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ हुआ था और अब उनके सशक्तिकरण के लिए नए सिरे से आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में सीएनटी एक्ट लाकर इस क्षेत्र की जमीनों को बचाया गया था।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार के वनाधिकार कानून के जरिए गांवों का संरक्षण किया जा रहा है। आदिवासियों की जीवन पद्दति को बचाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान और आदिवासी महिला-पुरुष ही जमीन के वास्तविक मालिक हैं। उन्होंने कहा कि बंधन विकास के जरिए वनाधिकार कानून के तहत 254 गांवों के समूह को आदर्श गांवों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानूनों का अक्षरश पालन हो, यह अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए वनोत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया इससे जान पाएगी कि आदिवासी समाज कैसे संघर्ष करता है। उनकी जीवन पद्दति क्या है। उन्होंने कहा कि भाषा-संस्कृति हमारा गौरव है।
