
L19 DESK : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की संख्या कम हो गयी है। मजदूरों की संख्या उनके भुगतान प्रक्रिया में बदलाव करने के साथ ही कम हो गयी है। दरअसल, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) को पूरे देशभर में लागू कर दिया है, ताकि मजदूरों को समय पर उनकी मजदूरी का भुगतान किया जा सके। इस प्रणाली के तहत अब मनरेगा मजदूर आधार कार्ड के जरिये पैसे निकाल सकेंगे। इसके लिये किसी भी मजदूर ने मजदूरी भुगतान से मना नहीं किया है। मगर मजदूरों की भुगतान इस प्रक्रिया से जुड़ने के साथ ही मजदूरों की संख्या कम दर्ज की गयी है।
झारखंड में फिलहाल मनरेगा मजदूरों की संख्या में 14 लाख 30 हजार की कमी दर्ज की गयी है। वहीं, देशभर में मनरेगा मजदूरों की संख्या 421 लाख 85 हजार की कमी दर्ज की गयी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अंतर्गत झारखंड में 47 लाख 34 हजार मजदूर थे। मगर 28 जुलाई 2023 तक इसकी संख्या 33 लाख 4 हजार रह गयी है। इनके आधार नंबर को मनरेगा के अंतर्गत आधार आधारित भुगतान प्रणाली से जोड़ा गया है।
आपको बता दें, एबीपीएस के माध्यम से भुगतान किए जाने पर अब मजदूरों का भुगतान नहीं रुकेगा। इसके साथ ही वास्तविक मजदूर ही इस मनरेगा योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे पहले जो भुगतान प्रक्रिया थी जिसमें मजदूरों द्वारा बैंक खाता संख्या को बार-बार बदलने के कारण परेशानी आ रही थी। इसी समस्या के समाधान के लिये आधार आधारित भुगतान प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया गया है। बता दें, आधार आधारित भुगतान प्रणाली बैंक खाते में बदलाव के कारण प्रभावित नहीं होती है। यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिले, वर्तमान लाभार्थियों का डी-डुप्लीकेशन किया जाएगा।
