नैनो बबलिंग टेक्नोलाजी के इस्तेमाल पर हो रहा है विचार
L19/DESK : राजधानी रांची के तीन जलाशयों में जमे गाद (गंदगी) को साफ करने के लिए राज्य सरकार जल्द बड़ा निर्णय लेगी। इसको लेकर विकास आयुक्त अरुण सिंह की अध्यक्षता में स्थानीय निकायों और पेयजल तथा स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राजधानी के तीन महत्वपूर्ण जलाशयों से 15 लाख की आबादी को पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. इसमें रूक्का डैम, हटिया डैम और गोंदा डैम शामिल हैं। इन जलाशयों के कैचमेंट एरिया (किनारे के हिस्से) में गंदा पानी, गंदगी और अन्य चीजें जमा हैं, जो जल जमाव के क्षेत्र को प्रदूषित कर पीने योग्य पानी को भी प्रभावित कर रही हैं. राजधानी के रूक्का और गोंदा जलाशय में पंडरा, करना, सुवर्णरेखा नदी समेत आसपास के इलाकों के नाली का पानी सीधे प्रवाहित हो रहा है। ऐसे स्थानों को चिह्नित कर वहां सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना आवश्यक है। इसके लिए नगर विकास विभाग को पहल करने की जरूरत है।
बैठक में यह भी कहा गया कि देश में नैनो बबलिंग टेक्नोलाजी का कई जगहों पर सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के नैनी झील में पानी की गंदगी को साफ करने में नैनो बबलिंग टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया था। इसको लेकर झारखंड का एक अध्य्यन दल नैनी झील को देखने के लिए भेजे जाने पर बल दिया गया। यह कहा गया कि सरकार की तरफ से इस तरह के इनोवेटिव तकनीक से पानी को स्वच्छ और पीने लायक बनाया जा सकता है। सरकार की तरफ से इस सिलसिले में रिपोर्ट तैयार कर एक कार्ययोजना भी बनायी जायेगी। इस पर जल्द अमल करने को कहा गया है।