L19 DESK : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने कहा 2 हजार रुपए के नोटबंदी की घोषणा 8 नवम्बर 2016 के भूत का खौफ दुबारा लौट कर आया है, वह भी कर्नाटक चुनाव के ठीक बाद। 2016 से अब तक प्रधानमंत्री को क्लीनिंग की याद नहीं आई थी जबकि देश में आम चुनाव से लेकर कई चुनाव सम्पन्न हो गये हैं। 2 हजार रुपए की नोटबंदी सीधे तौर पर कर्नाटक चुनाव का असर है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने कहा 8 नवम्बर 2016 को 5 सौ और एक हजार के नोट को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उसका हश्र देश ने देखा, किस प्रकार जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत से घटकर 4.1 प्रतिशत आधी हो गई थी, 35 लाख नौकरियां तुरंत खत्म हो गये थे, करोड़ों कारखाने एवं लघु मध्यम उद्योग बंद हो गये। काले धन पर प्रहार की बात कही गई थी जबकि 99 प्रतिशत पैसे बैंक में वापस आ गये थे, मात्र 16 हजार करोड़ रुपए आरबीआई के पास वापस नहीं आये थे जबकि 21 हजार करोड़ रुपए नई नोट छापने में लग गए थे, टेरर फंडिंग रोकने का दावा किया गया था जो कि धड़ल्ले से जारी है, नकली नोट बंद तो नहीं हुए बल्कि 300 करोड़ नकली नोट पकड़े गए हैं।
नोटबंदी में चौथा फायदा बताया गया कि कैश का चलन खम होगा। अर्थव्यवस्था में नवम्बर 2016 में 17 करोड़ 74 लाख करोड़ कैश था जबकि आज के दिन 37 लाख करोड़ रुपए कैश में हैं जो कि डबल से भी अधिक है। आलोक दूबे ने कहा दो हजार का नोट प्रचलन में लाना ही गलत और अविवेकपूर्ण फैसला था जिस फैसले को आज वापस लिया गया। माननीय सांसद निशिकांत दूबे जी का बयान बिल्कुल सही है कि 2000 का नोट जिस काम के लिए भाजपा ने लाया था वह काम उनका हो गया, काला धन भाजपा के पास है नां कि कांग्रेस के पास, कर्नाटक के चुनाव में जनता ने उनके पैसे पकड़े और उन्हें सबक भी सिखाया।