L19 Ranchi : झारखंड अलग राज्य गठन होने के बाद से ही बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल की जनता में उम्मीद जगी थी।कि बेरमो को जिला औऱ जैनामोड़ को अनुमंडल तथा पेटरवार प्रखंड की बारह पंचायतों को मिलाकर चाँदो प्रखंड बनाया जाएगा। राज्य गठन के 23 साल पूरे होने को है। लेकिन जनता की यह मांग आज भी अधूरी है।बेरमो को जिला और जैनामोड़ को अनुमंडल तथा चाँदो को प्रखंड बनाने का वादा सिर्फ चुनावी जुमला बनकर रह गया है।लोगों का तर्क है कि जब इससे कम जनसंख्या और क्षेत्रफल वाले इलाके में कई कई जिला बनाया गया है ।तो बेरमो को क्यों नहीं जिला का दर्जा दिया जाय।
बेरमो अनुमंडल में गोमिया, पेटरवार, कसमार, बेरमो, नावाडीह जरीडीह , चंद्रपुरा प्रखंड शामिल है तथा इसका क्षेत्रफल 45.22 वर्ग किलोमीटर है। जो राज्य के कई जिला रामगढ़, खूंटी, लोहरदगा आदि से भी अधिक है। बेरमो अनुमंडल का बेरमो, फुसरो, चंद्रपुरा, कथारा, जरीडीह इलाका औद्योगिक व कोलमाइंस वाला क्षेत्र है। गोमिया का ललपनिया, नावाडीह, बीटीपीएस, महुआटांड़, झुमरा पहाड़ आदि इलाका औद्योगिक व ग्रामीण इलाका है। बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में कुल 22 थाना और ओपी है। विधि व्यवस्था एवं विकास योजनाओं की सही मॉनिटरिंग के लिए बेरमो को जिला और जैनामोड़ को अनुमंडल तथा चाँदो को प्रखंड बनाने की माँग लंबे समय से ग्रामीण कर रहे हैं।
पिछले कई साल से बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति ने धारदार आंदोलन भी सड़क से सदन तक शुरू किया है।लेकिन इसके बावजूद अब तक सरकार या प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता जीवन जगरनाथ ,मनोज सिंह, सदानंद चटर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सिंह एवं चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि बेरमो विधानसभा क्षेत्र में पड़नेवाले वाले पेटरवार के दस पंचायतों और जरीडीह के बारू एवं कसमार प्रखंड के सोनपुरा पंचायत को मिलाकर चांदो प्रखंड निर्माण की मांग के समर्थन में वर्षो से आंदोलन चलाया जा रहा है।
जनहित में बारह पंचायत और एक लाख की आबादी वाले चांदो को प्रखंड का दर्जा दिया जाना बहुत जरूरी है।इन बारह पंचायतों से प्रखंड मुख्यालय की अत्यधिक दूरी होने के कारण अपेक्षित विकास नहीं हो सका एवं विकास योजनाओं का सही मॉनिटरिंग भी नहीं हो पाता है। बेरमो को एक जिला बनने की जो अर्हता चाहिए, उसे बेरमो क्षेत्र पूरा भी करता है। साथ ही जरीडीह और कसमार प्रखंड के सुदुरवर्ती पहाडी तलहटी से सटा गांव अराजू, भस्की, बेलडीह, मुरहुलसुदी, हिसिम, बगदा एवं खैराचातर पंचायत के लोगों को तेनुघाट अनुमंडल मुख्यालय जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन न जानें क्यों बेरमो को जिला एंव जैनामोड़ को अनुमंडल बनाने की माँग पर सरकार उदासीन बनी हुई है।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह मांग काफी पुरानी है। पूर्व सांसद प्रतिनिधि जरीडीह मुकुंद मुरारी महतो ने बताया कि वर्ष 2002 में तत्कालीन बोकारो उपयुक्त विमल कीर्ति सिंह ने बेरमो अनुमंडल को दो भागों में विभाजित करते हुए तेनुघाट अनुमंडल मुख्यालय एवं जैनामोड़ को अनुमंडल बनाते हुए सीमांकन कर कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग झारखंड सरकार को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उसके बाद डुमरी अनुमंडल एंव रामगढ़ जिला बन गया। दुर्भाग्य बस अब तक जैनामोड़ को अनुमंडल नहीं बनाया गया। जैनामोड अनुमंडल बनने का मांग सिर्फ चुनावी जुमला बनकर रह गया है। चुनाव के वक्त बेरमो का विधायक बनने के लिए जैनामोड को अनुमंडल बनने का मुद्दा को मंच से जोरदार तरीके से रखते हैं। और विधायक बनने के बाद इस कार्य को करने में तनिक भी दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं