L19/Ranchi : खूंटी के मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल की भूमिका की जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस दौरान कोर्ट ने प्रार्थी अरुण कुमार दुबे और उनके अधिवक्ता राजीव कुमार को हटाने का फैसला किया। साथ ही इस याचिका को स्वतः संज्ञान में तब्दील कर दिया गया है। कोर्ट अब इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई करेगा। प्रार्थी की याचिका को उनके क्रेडेंशियल के आधार पर खारिज कर दिया गया।
जनहित याचिका दायर कर अरुण कुमार दुबे ने खूंटी में लगभग 200 करोड़ के मनरेगा घोटाले का मामला उठाया था। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में खूंटी में 16 एफआईआर दर्ज किया गये हैं। बाद में इसकी निगरानी जांच की गयी लेकिन एसीबी ने तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच नहीं की. उन्होंने ईडी और सीबीआई से जांच का आग्रह किया है। हालांकि, अब इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर स्वतः संज्ञान लेने का फैसला सुनाया है. आज के लिये इतना ही।