L19 DESK : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में 12 अक्टूबर 2023 को रांची में झारखंड आंदोलनकारियों का महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। हजारों की संख्या में राज्य के प्रत्येक जिले से झारखंड आंदोलनकारियों के जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए समान रूप से मान- सम्मान ,पहचान , नियोजन,स्वाभिमान , आत्म सम्मान ,अस्मिता एवं अस्तित्व की रक्षा व सम्मान राशि 50-50 हजार रुपए देने की मांग को लेकर आंदोलनकारी महाजुटान करेंगे। इस महाजुटान में भाग लेने वाले प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से विधायक मथुरा प्रसाद महतो ,विधायक विनोद कुमार सिंह, विधायक दीपक बिरुवा विधायक डॉ .लंबोदर महतो झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग के सदस्य भुवनेश्वर महतो, लीजेंड झारखंड आंदोलनकारी संजय बसु मलिक प्रभाकर तिर्की, असम से आदिवासी संग्राम परिषद के दो सदस्य सहित कई गणमान्य भाग लेंगे। झारखंड अलग राज्य के अगुवा ढिशुम गुरु शिबू सोरेन को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएया। डोरंडा , झंडा चौक स्थित कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो .संयोजक इजहार राही, उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, झारखंड आंदोलनकारी भुवनेश्वर केवट, सुबोध लकडा ,रंजीत उरांव, आनंद तांबा विक्की पाहन ने उक्त जानकारी दी।
श्री महतो ने बताया कि 12 अक्टूबर को झारखंड आंदोलनकारी का महाजुटान कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा. झारखंड आंदोलनकारी इस राज्य को बनाने व संघर्ष और शहादत देने वाले आज उपेक्षित हैं। इसके बावजूद आंदोलनकारी अपने स्वाभिमान आत्म सम्मान मान सम्मान पहचान से कोई समझौता नहीं करेंगे। आज झारखंड का खनिज संपदा मानव संसाधन जल जंगल जमीन सभी लूटे जा रहे हैं, आदिवासी समुदाय का अस्तित्व खतरे में है। अलग राज्य के मूल्यों का हनन हो रहा है .ऐसे में झारखंड आंदोलनकारियों को चुप बैठना कहीं से उचित नहीं है। इस राज्य को सजाने संवारने के लिए एक और संघर्ष करना पड़ेगा तो इसके लिए हम तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के समृद्धि एवं खुशहाली के लिए राज्य में समता जजमेंट को लागू करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। समता जजमेंट लागू करने की मांग को लेकर भी झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा निरंतर अपने आंदोलन के साथ आगे बढायेगी। झारखंडी रैयतों के जमीन वापसी , मुआवजा ,पुनर्वास एवं नियोजन के लिए भी संघर्ष किया जाएगा यह संघर्ष बोकारो जिला से आरंभ होगा। उन्होंने पेसा एक्ट नियमावली में झारखंडियों के हितार्थ संशोधन किए जाने का स्वागत किया है, झारखंड पूरे देश को 40% तक अपने खनिज संपदाओं से देश का मन बढ़ती रही है लेकिन 26 परसेंट रॉयल्टी दिए जाने के मामले में केंद्र की सरकार आना-कानी करती रही है। यह झारखंड के लिए घोर विसंगति है। केंद्र की सरकार 26 परसेंट रॉयल्टी समय पर झारखंडियों के हितार्थ देने का काम करें। रॉयल्टी का लाभ भी समता जजमेंट के अनुसार झारखंडियों को मिले।