
L19/Ranchi : अगर आपको भी फर्जी नंबरों से कॉल या मेसैज आता है, तो ये खबर आपके लिये है। आपने अक्सर सुना होगा कि किसी फर्जी नंबर से आपको कॉल करके बड़े इनाम जीतने का लालच दिया जाता है। इसके बाद आपके बैंक खाते के सारे डिटेल्स मांग कर आपके खाते को खाली कर दिया जाता है।
बीते कुछ समय से ओटीपी के ज़रिये ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था, पर अब ठगी का नया तरीका बाज़ार में आ चुका है। इसके लिये ओटीपी की भी ज़रुरत नहीं पड़ती। आपको कुछ फर्ज़ी नंबरों से कॉल किया जायेगा। फोन उठाने पर उधर से कोई जवाब नहीं आयेगा। और ये सिलसिला कुछ समय तक चलने के बाद आप देखते हैं कि आपके बैंक खाते से सारे पैसे गायब हो चुके हैं।
सिम कार्ड होल्डरों के चेहरे का विश्लेषण
साइबर फ्रॉड को सबसे ज्यादा फर्जी सिम कार्ड के जरिये अंजाम दिया जाता है। इन्हीं सब को रोकने के लिये दूरसंचार विभाग ने देश भर के करीब 87 करोड़ से अधिक सिम कार्ड होल्डरों के चेहरे का विश्लेषण किया। वहीं, झारखंड और बिहार राज्य से कुल 7 करोड़ सिम कार्ड होल्डरों के चेहरे का डेटा खंगाला गया। अप्रैल महीने में इन दोनों राज्यों के 2 लाख 30 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों को बंद किया जा चुका है।
दरअसल, दूरसंचार विभाग ने सेंटर फोर डिवेलपमेंट ऑफ ए़डवांस्ड कंप्युटिंग के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकग्निशन के जरिये सिम कार्ड उपभोक्ताओं के चेहरे का विश्लेषण किया था। इस विश्लेषण में पाया गया कि कई व्यक्तियों के एक ही चेहरे हैं, मगर अलग-अलग नामों का फर्जी आईडी बनाकर सिम कार्ड लिया गया था।
मामले की जानकारी मिलने के बाद सेवा प्रदान करने वाली यानि सर्विस प्रोवाइडर मोबाइल कंपनियों ने दूरसंचार विभाग के निर्देश पर झारखंड और बिहार के कुल 2904 प्वाइंट ऑफ सेल्स को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। इन्हें प्राथमिक जांच के दौरान सिम कार्ड जारी करते वक्त अनैतिक कामों में शामिल पाया गया था। इसके साथ साथ सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने ऐसे ग्राहकों और प्वाइंट ऑफ सेल्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु कर दी है। ये कार्रवाई नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग के आधार पर की जा रही है।
अब एक आइडी पर केवल 4 सिम कार्ड ही ले सकेंगे?
फर्जी सिम कार्ड से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार सख्त हो गई है। इसके लिए सरकार नई गाइडलाइन ला रही है। इस गाइडलाइन के तहत सरकार एक आईडी पर 4 सिम देने की योजना बना रही है। अभी तक एक आईडी पर 9 सिम जारी किए जाते थे। लेकिन अब सरकार एक आईडी पर जारी किए जाने वाले सिम की संख्या में कमी करने जा रही है।
क्या है भारत में साइबर अपराध का दर?
बता दें, भारत ही नहीं, पूरे विश्व भर में साल दर साल साइबर अपराध के मामलों में लगातार तेजी आयी है। आंकड़ों की मानें तो साल 2022 में विश्व भर में करीब 146 बिलियन साइबर अटैक के मामले सामने आये थे जो वर्ष 2021 के मुकाबले 55% अधिक थे। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में भारत में 52 हजार से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किये गये थे। जो कि साल 2020 से तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है। साल 2020 में साइबर अपराध के 50,035 केस दर्ज किए गए थे। वहीं, देश भर में दर्ज मामलों में से केवल एक तिहाई मामलों में ही पुलिसिया जांच पूरी हो पाई।
ये रहे साइबर अपराध के पीछे के मकसद
अब इन अपराधों को अंजाम देने के मकसद पर जायें तो रिपोर्ट बताती है कि साइबर अपराध के 60.8% मामलों में धोखाधड़ी, 8.6% मामलों में यौन शोषण और 5.4% मामलों में जबरन वसूली के मकसद से इन्हें अंजाम दिया गया।
