L19 DESK : रिसोर्स पर्सन के रूप में शिक्षाविद् श्री एन० के० सिन्हा एवं DAV की वरीय शिक्षिका श्रीमती स्वाति डे ने थे जिन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन तैयार करके राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की बड़ी भूमिका और जिम्मेदारी है ऐसे में NEP-2020 पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार, अनुभवात्मक शिक्षा और आलोचनात्मक सोच पर जोर देते हुए वर्तमान शिक्षण परिणामों और वांछित परिणामों के बीच अंतर को पाटते हुए व्यापक सुधारों का प्रस्ताव करता है।
उन्होंने कई बिंदुओं जैसे प्राइमरी से कक्षा 12 तक के सभी बच्चों के लिये गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करना, नई पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना (5+3+3+4) क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 एवं 14-18 वर्ष के आयु समूह के चार चरण, कला तथा विज्ञान के बीच, पाठ्यचर्या व पाठ्येतर स्किल टीचिंग गतिविधियों के बीच, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई सख्त अलगाव न करना, बहुभाषावाद और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर ज़ोर देना, एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, परख (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना करना, वंचित क्षेत्रों और समूहों के लिये एक भिन्न लैंगिक समावेशन निधि और विशेष शिक्षा की व्यवस्था करना, ‘निपुण’ NCFFS और जादुई पिटारा, (FLN)फंडामेंटल लिटरेसी एंड नुमेरेसी, आदि को विशेष रूप से प्रकाश डाला।
इस कार्यशाला में 8 मोड्यूल शामिल थे, इनमें गिनती की फन एक्टिविटी, चॉकलेट एक्टिविटी और शिक्षकों की विषयगत प्रस्तुतिकरण आकर्षण के केंद्र बने जहाँ शिक्षकों की उत्साह से परिपूर्ण सक्रिय भागीदारी रही। प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि NEP-2020 के द्वारा भारत वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। यह एक ऐतिहासिक प्रयास है जो रटने-सीखने और याद रखने को मुख्य प्रथाओं से दूर अवधारणाओं व ज्ञान अनुप्रयोग का परीक्षण करने और छात्रों के लिए अधिक समग्र विकास को प्रोत्साहित करने का पक्षधर है।
वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव का जीवंत दस्तावेज है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखता है। यह समय की आवश्यकता को पहचानती है ऐसे में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि आप शिक्षक ही इस बदलाव के वाहक और प्रतिनिधि हैं। समृद्ध और जानकारीपूर्ण कार्यशाला में उप प्राचार्य एस०के०झा, बी०एन० झा, संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी अनुपमा श्रीवास्तव, शीलेश्वर झा ‘सुशील’, दीपक कुमार सिन्हा, मीनुदास गुप्ता, कार्यक्रम नोडल अधिकारी एल०एन० पटनायक, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष, अमित रॉय, कार्यक्रम समन्वियका सुष्मिता मिश्रा, NSS कार्यक्रम पदाधिकारी शशांक सिन्हा, वरीय शिक्षक डॉ० मोती प्रसाद आदि अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। रिसोर्स पर्सन की स्पष्ट जानकारी ने शिक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में इसके कार्यान्वयन पर काम शुरू करने के लिए एक नए उत्साह से भर दिया।