L19/Ranchi : तारा शाहदेव मामले का अब अंत हो गया है। धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिये प्रताड़ित करने के आरोप को कोर्ट को सही ठहराया है, और इसी के साथ रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल को सज़ा सुना दी गयी है। रकीबुल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। वहीं, उसकी मां कौशल रानी को 10 साल तक की सजा समेत 50 हजार जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा औऱ 50 हजार जुर्माना लगाया गया है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों को साजिशन जबरन धर्म परिवर्तन करने, धोखे में रखकर शादी करने, मारपीट, कुत्ता से कटवाने और गाली-गलौज करने का दोषी पाया है। रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने रंजीत कोहली को आईपीसी की धारा 120बी, 376, 323, 298, 506 और 496 के तहत दोषी माना है। वहीं, कौशल रानी को आईपीसी की धारा 120बी, 298, 506 और 323 के तहत दोषी माना है।
वहीं हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुस्ताक अहमद को आईपीसी की धारा 120बी और 298 में दोषी पाया है।अदालत ने इससे पहले 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए अदालत ने मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी, हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुस्ताक अहमद को दोषी करार दिया।
मामले में सीबीआई ने आरोप को सिद्ध करने के लिये 26 गवाह और सबूत कोर्ट में पेश किये थे। वहीं, आरोपियों की ओर से बेगुनाही को साबित करने के लिये 4 गवाह प्रस्तुत किये गये थे। सीबीआई ने साल 2015 में मामले को अपने हाथ में लिया था, और इसकी जांच शुरु की थी। 2 जुलाई 2018 को अदालत ने आरोपियों पर आरोप तय किया था। पीड़िता तारा शाहदेव को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार था। बता दें, यह मामला 8 सालों के बाद अपने अंजाम तक पहुंचा है। मगर पीड़िता शाहदेव ने हिम्मत नहीं हारी, और बार बार ये कहती रही कि उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।
आखिर क्या था पूरा मामला?
नेशनल शूटर तारा शाहदेव की शादी रंजीत सिंह कोहली के साथ साल 2014 में 7 जुलाई को हुई थी। मगर शादी के बाद पता चला कि उसके पति का असल नाम रंजीत कोहली नहीं, बल्कि रकीबुल हसन है। शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की जाने लगी थी। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिये प्रताड़ित करने जैसे आरोपों की जांच शुरु की।
यह मामला जब झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंचा, तब कोर्ट ने साल 2015 में सीबीआई को यह मामला सौंपा। सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट फाइल की गयी। सीबीआई ने 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली। इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया। बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी। गवाही की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मामले में बहस चल रही थी जो अब जाकर खत्म हुई है। अपराधियों को सज़ा सुना दी गयी है।
ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
तारा द्वारा दिये गये बयान के अनुसार, ससुराल में एक दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला। जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था। यह कार्ड भी तारा ने कोर्ट के हवाले किया है। तारा ने बताया कि उनके बीच दरार तब पैदा हुआ, जब 9 जुलाई को रंजीत 20-25 हाजी को लेकर घर पहुंच गया और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने लगा। इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। कई बार कुत्ते से कटवाया गया, ताकि वह डर से धर्म परिवर्तन कर ले। तारा ने बताया कि रंजीत उर्फ रकीबुल हसन घर से रातभर गायब रहता था। वह अगले सुबह 4 बजे आता था। वह क्या काम करता है, आज तक पता नहीं चल पाया। तारा के अनुसार, उसकी मेंहदी की रस्म होटल ऑर्किड और शादी होटल रेडिसन ब्लू में हुई थी। शादी के बाद रंजीत उसे मेन रोड स्थित महावीर टावर के पीछे ब्लेयर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर आर-05 में लेकर रहता था।