21970 मतों से पीछे रह गये कांग्रेस के प्रत्याशी बजरंग महतो
L19 : रामगढ़ उपचुनाव 2023 झारखंड की हेमंत सोरेन की यूपीए गंठबंधन वाली सरकार और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के पहले शक्ति प्रदर्शन की तरह था. रामगढ़ उप चुनाव में आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी को जीत मिली है.
हालांकि उनकी यह जीत के कई मायने लगाये जा सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो 21970 मतों से पीछे रह गये. आजसू कैंडिडेट गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं और दूसरी बार रामगढ़ विधानसभा से अपना किस्मत आजमा रही थीं. इस बार उन्हें भाजपा का भी साथ मिला.
पिछले चुनाव यानी 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू के बीच फ्रेंडली फाइट थी. इसमें सुनीता चौधरी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था. सुनीता चौधरी को उप चुनाव में 1,15,169 वोट मिले. अब आनेवाला समय ही बतायेगा कि सुनीता चौधरी अपने पति की तरह राजनीतिक विरासत को कितना दिन आगे बढ़ा पायेंगी.
क्या आजसू पार्टी को रामगढ़ की जनता ने जो जनाधार दिया है, उस पर वह बचे हुए दो साल के कार्यकाल में निबाह पायेंगी.
गुरुवार को सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती रामगढ़ कालेज परिसर में शुरू हई थी. अधिकतर लोग यह मान रहे थे कि कांग्रेस के पक्ष में जनता ने मतदान कर दिया है. पर आजसू जिस कंफीडेंस के साथ लबरेज थी, वह पांचवें-छठे दौर के बाद और बढ़ गय था.
68 फीसदी मतदान के जरिये मतदाताओं ने अपनी पसंद पर 27 फरवरी को ही यह कहते हुए मुहर लगा दी थी कि उन्हें इस बार बदलाव चाहिए। पहले दौर की मतगणना के बाद से ही सुनीता चौधरी ने अपने निकटतम प्रति द्वन्दवी से बढ़त बना ली थी. चौथे दौर में कांग्रेस प्रत्याशी आगे चले गये थे. इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को सिंपैथी वोट के प्रति आस थी.
चुनावी रण में चार महीने के बच्चे को लेकर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम समेत कई दिग्गज नेताओं ने यहां तक कह दिया कि भाजपा के इशारे पर कांग्रेस की विधायक रही ममता देवी को जेल जाना पड़ा, जिसकी वजह से वह अपने चार महीने के बच्चे को ममत्व और मां की ममता के साथ स्तनपान नहीं करा पा रही हैं.
चुनाव में सत्तारूढ़ दल के दिग्गजों समेत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन चुनावी रैली और रामगढ़ में रोड शो तक किया. सभी कार्यक्रमों में यूपीए समर्थित उम्मीदवार अपने दूधमुंहे बच्चे के साथ दिखे. वोटिंग के दिन तो उन्होंने इतना तक कह दिया कि उनकी जीत पक्की है. इसके इतर आजसू पार्टी ने जनता के बीच यह जतलाने की कोशिश की कि सत्तारूढ़ दल की वजह से राज्य में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आधार भूत संरचना के विकास में अड़चनें आ रही हैं.
सरकर 1932 आधारित खतियान को लेकर लोगों को भरमा रही है. जितने भी विकास के कार्य रामगढ़ में दिख रहे हैं, वह पूर्व की एनडीए की सरकार और राज्य और केंद्र की डबल इंजनवाली सरकार की देन है. नतीजा आज आपके सामने है. चुनाव में आजसू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. पर मतदाताओं ने यह बताया कि विकास के कार्यक्रम नारों में परिभाषित नहीं हो सकते हैं, इसे सरजमीं पर भी उतारने की जरूरत है.
विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस प्रत्याशी भले ही चुनावी समर में हार गये. पर उन्होंने कम वोट हासिल नहीं की. उन्हें 93553 वोट मिले. चुनाव में झारखंड को अलग दिशा दिखलाने का नारा देनेवाली झारखंड पार्टी के उम्मीदवार संतोष महतो को 1984 मत मिले. इनसे ज्यादा तो निर्दलीय रामवतार महतो और धनंजय कुमार पुटुस को वोट मिला.
कुल मिला कर रामवतार महतो को 2962 और धनंजय कुमार पुटुस को 2728 मत मिले. आजसू, कांग्रेस को छोड़ 16 निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने भाग्य चुनाव में आजमाये. अधिकतर की जमानत जब्त हो गयी.
रिपोर्ट : दीपक