L19/Bokaro: तूफानी पानी मीचोंग ने तुपकाडीह के किसानों को मायूस कर दिया है।खेती की सारी मेहनत बेकार साबीत हो गई। वैसे धान जो खेत में हैं या फिर काटकर खलिहान में रखा गया है दोनों में अब चावल के बजाय खंखड़ी या काला चावल निकलेगा।तीन दिन के पानी ने आलू की फसल को भी बर्बाद कर दिया।किसान संतोष इंदेश्वर विजय अन्दु भीम ने बताया कि अगले पांच दिन बाद हम सब धान काटने की तैयारी कर ही रहे थे कि इस पानी ने सब चौपट कर दिया।कुछ धान खलिहान में तिरपाल से ढंक कर रखे हैं जिससे कुछ मिलने की उम्मीद है।बाली में फूट आया धान अब चिपककर काला हो सकता है।
शुरुआती दिनों में मौसम ने पानी के लिए सताया और फिर पानी ने मेहनत मार दी।खुटरी मानगो कनारी और उत्तर विस्थापित क्षेत्र के किसान बताते हैं कि गरमा खेती में आलू गोभी बैंगन टमाटर आदि लगाये गए हैं जिसमे यह पानी सबसे ज्यादा आलू की उपज को होने से पहले ही कुचल दिया। गोभी के पत्ते बड़े पैमाने पर होंगे लेकिन फल फूल नहीं होगा। अब दवा का छिड़काव कर कुछ पाने की आस रखूंगा। बताते चलें कि दर्जनों किसान ऐसे भी हैं जो साल में एक बार चावल की उपज कर अपने घर परिवार का पेट भरते हैं।सब्जियां बेंचकर खुशियां बटोरते जीवन निर्वहन करते हैं।