L19 DESK : डॉ. श्यामा प्रसाद विश्वविद्यालय बुनियादी आधारभूत संरचना और सुविधाओं से वंचित है। राजभवन के यूनिवर्सिटी इंस्पेक्टर के निरीक्षण के क्रम में यह बातें सामने आयीं। यह बताया गया कि विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों की कुल स्वीकृत संख्या 166 है, जबकि 40 ही वर्तमान में कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में स्नातक और पोस्ट ग्रैजूएट स्तर के तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कुल 17 हजार स्टूडेंट्स हैं। विश्वविद्यालय ने 600 छात्राओं के लिए छात्रावास और मल्टी स्टोरी स्टेडियम के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था, जिसे स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। मल्टी स्टोरी स्टेडियम में बीपीएड कोर्स की पढ़ाई जल्द शुरू की जायेगी।
डॉ श्यामा प्रसाद विश्वविद्यालय को राजभवन की तरफ से शोध पर अधिक फोकस करने का निर्देश दिया गया। संस्थान को एक्सीलेंस बनाने की दिशा में प्रयास करें ताकि नैक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेडिंग प्राप्त हो सके। इसमें राजभवन अपेक्षित मदद करेगा। पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि उपलब्ध संसाधन में बेहतर करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। लेकिन शिक्षकों के अधिकांश पद खाली हैं। विवि निरीक्षक ने कहा कि डीएसपीएमयू अधिक से अधिक दूसरे संस्थानों के साथ एमओयू करे। ताकि इसका लाभ छात्रों को मिल सके। नैक मूल्यांकन में भी इससे लाभ मिलेगा। लैब और लाइब्रेरी को भी समय के अनुसार अपग्रेड करने के लिए कहा।
कुलपति प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि समय के डिमांड के अनुसार लैब और लाइब्रेरी अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आने वाले दिनों में यहां के छात्रों को बेहतर आधारभूत संरचना मिलेगा। क्वालिटी एजुकेशन के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पीआरओ प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य ने विश्वविद्यालय इंस्पेक्टर का स्वागत किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. नमिता सिंह, वित्त पदाधिकारी प्रॉक्टर डॉ. पंकज कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष गुप्ता, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डायरेक्टर डॉ. अशोक नाग ने विचार रखे।