L19/E.Singhbhum : जमशेदपुर और दुमका पुलिस ने संयुक्त रुप से छापेमारी कर गैंगस्टर अमरनाथ हत्याकांड में मंगलवार शाम 7.30 बजे एक और शूटर अजीत मंडल की गिरफ्तारी की है। पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक, अजीत मंडल डोबो स्थित होटल के आसपास ही था। इसी सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा छापेमारी करते हुए हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि अजीत मंडल सीतारामडेरा थाना अंतर्गत छायानगर का रहने वाला है और मानगो में वर्चस्व को लेकर हुई मछली व्यापार में फायरिंग का भी आरोप है। और वह 3 शूटरों में एक है, जो मौका देखते ही अमरनाथ के करीब पहुंचा था।
कहा जा रहा है कि अजीत रांची से बस से जमशेदपुर के लिए रवाना हुआ था, लेकिन डोबो में वह बस से उतर गया था। जब वह बस में ही था तो किसी यात्री से फोन लेकर उसने अपनी पत्नी को फोन किया और किसी को बाइक लेकर भेजने को कहा।पुलिस लगातार अजीत के लोगों का फोन ट्रैक कर रही थी, क्योंकि वह फोन का इस्तेमाल नहीं करता था। कभी-कभी किसी का फोन लेकर कॉल कर देता था।
इसी कोशिश में एसएसपी प्रभात कुमार तक सूचना पहुंच गई कि वह अपनी पत्नी को कॉल करने के बाद बस से उतर गया है और कोई उसे लेने जा रहा है। तत्काल ही उन्होंने मानगो थाना प्रभारी विनय कुमार और दुमका पुलिस की टीम को मौके पर भेजा, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से एक थैला भी मिला है। उसे पकड़कर मानगो थाना लाया गया, जहां पूछताछ की गई। दुमका पुलिस अजीत को लेकर जाएगी।
पुलिस को अजीत ने बताया कि उत्तम महतो के कहने पर वह डिमना चौक के पास आया था, जहां से राजा शर्मा के साथ वह कार से बासुकीनाथ के लिये रवाना हुआ था। रास्ते में पता चला था कि विशाल और बिट्टू ने सुल्तानगंज में अमरनाथ को देखा है और बासुकीनाथ पहुंचने पर या फिर रास्ते में उन लोगों को अमरनाथ की हत्या करनी है। इसलिए वे लोग बासुकीनाथ पहुंचे। रास्ते में अमरनाथ के लगातार बच्चे के गोद में लेने के कारण वे लोग फायरिंग नहीं कर सके।
अजीत ने पुलिस को यह भी बताया कि रास्ते में जब अमरनाथ को नहीं मार पाए तो पीछा करते बासुकीनाथ तक पहुंच गए। वहां की चाय दुकान के पास अपने दो साथियों के साथ वह चाय पी रहा था, तभी उसे गोली मार दी। इसके बाद अजीत पश्चिम बंगाल स्थित अपने गांव चला गया था जहां से वह रांची पहुंचा। उसकी पत्नी गर्भवती है, उसे डॉक्टर को दिखाना था। वह जमशेदपुर की ओर जा रहा था कि पकड़ा गया। उसने फोन पर पत्नी से जो बात की थी, पुलिस तक इसकी सूचना थी।
अमरनाथ सिंह के 4 दोस्त, जो उसके साथ देवघर जलार्पण के लिए गए थे, उन्हें पुलिस ने घटना के बाद रोक लिया था। उनसे पूछताछ हो रही थी। इन पर शक था कि इनलोगों ने ही गणेश सिंह गिरोह को सूचना दी थी, लेकिन बाद में बिट्टू सिंह के पकड़े जाने के बाद यह खुलासा हुआ कि बिट्टू और विशाल ने ही सुल्तानगंज से अमरनाथ को देखा था और उसके बाद से ही वे लोग पीछा कर रहे थे। इसके बाद सभी चारों जिसमें पत्रकार आशुतोष ओझा उर्फ अंशु, बृजेश सिंह, ललित शर्मा और योगेंद्र यादव को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। उनसे कहा गया है कि आवश्यकता पड़ने पर कभी भी उनसे पूछताछ की जा सकती है। आशुतोष ओझा उर्फ अंशु अमरनाथ हत्याकांड में शिकायतकर्ता है। गैंगस्टर अमरनाथ की शुक्रवार रात बासुकीनाथ में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या में गणेश सिंह गिरोह का नाम आया है।