L19 Desk : झारखंड के ठेठ नागपुरी गायक आजाद अंसारी की तबीयत इन दिनों खराब चल रही है। लगभग 4 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में वो घायल हुए थे, इलाज के बाद स्थिति सामान्य हुई थी लेकिन एक सुबह फजर की नमाज के वक्त उनको ब्रेन हेमरेज हुआ।
आजाद अंसारी के भाई सजाद अंसारी बताते हैं कि राज्य के बड़े बड़े अस्पतालों में उनका इलाज चला। इलाज में लगभग 17 लाख रुपये खर्च हुए। घर की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। उस वक्त झारखंड के मुख्यमंत्री ने 1.50 लाख रुपये मदद की थी। उसके बाद परिजनों, साथियों और कलाकारों ने इनका इलाज कराया।
आजाद अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी कहा कि इलाज के बाद पिता जी(आजाद अंसारी) के सेहत में सुधार हो रहा था। पैसे के आभाव में इलाज आगे नहीं हो पाया। पुन: चेकअप के लिए भैल्लोर जाना है। लेकिन आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि दवा तक के लिए भी पैसे उधार लेने पर लड़ रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले भी मदद की है, एक बार फिर मदद कर देंगे तो पिता जी पुरी तरिके से ठीक हो जायेंगे।
कौन है आजाद अंसारी?
आजाद अंसारी अपने जमाने के मसहूर नागपुरी गीतकार स्व जमालुद्दीन अंसारी के सुपुत्र हैं। आजाद अंसारी 8 साल की उम्र से ही नागपुरी कविता एवं गीतों में रुचि लेते थे। पिता के रियाज करते करते वो भी पिता की तरह ही राग रागिनी समझने लगे। एक दौर में ठेठ नागपुरी गीत के लिए आजाद अंसारी का नाम सबसे टॉप पर था।
एक तो मन लागी दुबारा जन्म होई की नहीं……., बात मोरा मान भौउजी दादा के समझाऊ भौउजी……, दारु में नाय मतालो, हांड़ी में नाय मतालों…… जैसे गानों की वजह से आजाद अंसारी को लोग दूर दराज से सुनने आते थे। आजाद अंसारी का एक चर्चित गाना हे हे रे गांधी के नाम जगत जाने, बिना युद्ध जीत लेले हिंदूसतानी ने बहुत सुर्खियां बटौरी थी। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में सैकड़ों बार आजाद अंसारी ने अपनी प्रस्तुती दी है।
आजाद अंसारी हर साल नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम, कोलकाता, आसाम, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ समेत देश के कई बड़े शहरों में भी ठेठ नागपुरी गानों मंचों से प्रस्तुत किया है। झारखंड की समाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक समरसता-एकता, प्रेम के गीतों को लिखा है और गाया भी है। झारखंड के अलावे बिहार, छतीसगढ़, प. बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, आसाम, भुटान आदि राज्यों के आलावा देश के पूर्वी प्रदेशों में उनका जलवा है। नागपुरी, खोरठा, पंचपरपरगिया और सादरी भाषा के ठेठ एवं आधुनिक में 36 हजार से ज्यादा गाने आजाद अंसारी ने गाए हैं।