L19 DESK : झारखंड के गैर सरकारी तथा पीपीपी मोड पर संचालित सभी नर्सिंग संस्थानों की 50% सीटों पर राज्य सरकार द्वारा तय किया गया आरक्षण लागू होगा। साथ ही इन सीटों पर नामांकन झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा आयोजित होने वाली लिखित परीक्षा से तैयार मेधा सूची के आधार पर किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा गठित झारखंड राज्य अंतर्गत नर्सिंग संस्थान के प्रबंधन, नामांकन एवं परीक्षा संचालन नियमावली-2023 में यह प्राविधान किया गया है।
नामांकन जेसीईसीईबी द्वारा आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हाेगी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने के साथ ही शनिवार (आज) से यह नियम लागू किया गया। इस नियमावली के तहत गैर सरकारी नर्सिंग सस्थानों के लिए 50% सीटें मुक्त की गई हैं। इन सीटों पर राज्य सरकार का आरक्षण लागू होगा। शेष 50% सीट प्रबंधन कोटा की होंगी। दोनों प्रकार की सीटों पर नामांकन जेसीईसीईबी द्वारा आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से हाेगी, लेकिन मुक्त सीटों पर नामांकन मेधा सूची के आधार पर ही लिया जाएगा।
निजी एवं सरकारी नर्सिंग संस्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा
काउंसलिंग खत्म होने के 15 दिनों के बाद यदि इस कोटे की सीटें रिक्त रह जाती हैं तो प्रबंधन उक्त प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले किसी भी छात्र या छात्रा का नामांकन उन सीटों पर ले सकेंगे। प्रबंधन कोटे की सीटों के विरुद्ध भी नामांकन लेने में प्रबंधन स्वतंत्र होगा। लेकिन , संस्थान इन सीटों पर भी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का ही नामांकन लेना होगा। इस नियम के तहत निजी एवं सरकारी नर्सिंग संस्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही इसका लिंक झारखंड परिचारिका निबंधन परिषद को भी देना होगा, ताकि वह उसका लाइव ऑब्जर्वेशन किया जा सके।
संस्थानों को प्रत्येक वर्ष अप्रैल-मई माह में वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन भी देना अनिवार्य होगा
संस्थानों में छात्र-छात्राओं की बायोमिट्रिक उपस्थिति भी अनिवार्य किया गया है। संस्थानों को प्रत्येक वर्ष अप्रैल-मई माह में वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन भी देना अनिवार्य होगा। इन शर्तों का अनुपालन नहीं होने पर दंड का भी प्राविधान किया गया है। साथ ही दो बार से अधिक उल्लंघन होने पर निलंबन तथा मान्यता रद करने की भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इसके लिए संस्थानों को जवाब देने व अपील करने का भी अवसर प्रदान किया गया है।
शर्तों का अनुपालन नहीं होने पर दंड
पहली बार उल्लंघन होने पर : 25 हजार रुपये
दूसरी बार उल्लंघन होने पर : 50 हजार रुपये
तीसरी बार उल्लंघन होने पर : एक लाख रुपये।
प्रवेश परीक्षा मे इतना प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा
सामान्य श्रेणी : 40%
पिछड़ा वर्ग : 36.5 %
अत्यंत पिछड़ा वर्ग : 34%
एससी, एसटी एवं महिला : 32 %
आदिम जनजाति : 30 %
आर्थिक रूप से पिछड़े : 40%