रांची: करीब 30 वर्षों तक बंद रहने के बाद रांची की मशहूर बेकन फैक्ट्री को फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है. यह फैक्ट्री कभी एशिया की प्रमुख इकाइयों में गिनी जाती थी, जहां रेडी-टू-ईट पोर्क उत्पाद बनाए जाते थे. 23 दिसंबर को राज्य मंत्रिमंडल ने फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके तहत हैदराबाद स्थित नेशनल मीट रिसर्च इंस्टीट्यूट (NMRI) को तकनीकी साझेदार के रूप में जोड़ा जाएगा, ताकि फैक्ट्री का संचालन दोबारा शुरू किया जा सके.

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NMRI से होगा MOU
फैक्ट्री करीब तीन दशक पहले इसलिए बंद हुई थी क्योंकि संचालन के लिए उपयुक्त तकनीकी साझेदार नहीं मिल पा रहा था. अब राज्य सरकार NMRI के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) करेगी. NMRI जनवरी 2026 से टेंडर प्रक्रिया और तकनीकी सलाह में मदद करेगा. इसके बाद फैक्ट्री चलाने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा.
राज्य में बढ़ेगा रोजगार के अवसर
मामले में जिला प्रशासन की अहम भूमिका बतायी जा रही है. लोकतंत्र से बातचीत में रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि फैक्ट्री के दोबारा शुरू होने से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और यह अपनी पुरानी पहचान फिर हासिल करेगी. इस फैक्ट्री के उत्पाद पहले ‘रनबैक’ (Ranbac) ब्रांड नाम से बिकते थे. इसके सॉसेज, सलामी और कबाब बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों और नेपाल तक काफी लोकप्रिय थे.
गौरतलब है कि यह फैक्ट्री 1990 के दशक के मध्य में चारा घोटाले के बाद बंद कर दी गई थी. उस समय परिसर का इस्तेमाल जेल के रूप में भी किया गया था.
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