L19/Bokaro : 13/7/2023 दिन गुरुवार को रामवृक्ष महतो के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है । झारखंड सरकार के मुख्य सचिव और कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवम् राज भाषा विभाग के सचिव को दिनांक 27/6/23 को 5 सूत्री मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
- ज्ञापंक 5/विधिक 09/2001-3389 रांची दिनांक 22 सितंबर 2001के अनुसार बिहार सरकार का पत्रांक 03/स्थानीय निवासी – 5014/81-806 दिनांक 3 मार्च 1982 को राज्य में अंगीकृत कर स्थानीयता और नियुक्ति प्रक्रिया में लागू किया जाय।
- भारत का नागरिक और झारखंड का मूल निवासी होना अनिवार्य किया जाय।
- आरक्षण का दावा करने वाले अभ्यर्थियों के लिए खतियान आधारित स्थानीय और जाति प्रमाण पत्र अनुमंडल से मांगा जाय और OBC को 27% आरक्षण का लाभ दिया जाय।
- झारखंड सामान्य ज्ञान एक पत्र और झारखंड के नौ क्षेत्रीय भाषा में से एक भाषा दूसरा पत्र परीक्षा पत्र मे अनिवार्य किया जाय।
- विषय की बाध्यता को समाप्त किया जाय।
झारखंड के किसी भी विश्वविद्यालय मे दो विषयो पर 50% अंक के साथ स्नातक की डिग्री अनिवार्य नही है इस तरह का डिग्री कोर्स UP बिहार दिल्ली मे होता है, इसी बाध्यता के कारण पूर्व रघुवर सरकार मे हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति पर अधिकतर बाहरी लोगों का नौकरी हुआ हैं और झारखंड के अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो गये थे। रामवृक्ष महतो ने सूबे के विधान सभा अध्यक्ष माननीय श्री रवीन्द्र महतो और कांग्रेस नेता श्री सुदर्शन भगत को 60/40 के बयान पर कहा की बिना स्थानीयता परिभाषित किए नियोजन निति झारखंड हित में संभव नहीं है।
जब तक स्थानीय नीति लागू नहीं होता है तब तक 60 भी झारखंडी आदिवासी मूलवासी के लिए सुरक्षित नहीं होगा एवम् 40 मे भी तृतीय और चतुर्थ वर्ग के होने वाले JSSC और JPSC कि नौकरी में बिना खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन निति लागू किए झारखंड हित मे सुरक्षित नहीं है। आरक्षण नियमावली में यह प्रावधान है कि यदि आप आरक्षण कोटी से आते है और जेनरल कोटे के बराबर अंक लाते हैं तो स्वत: जेनरल का लाभ मिलता है। पत्रकारों के माध्यम से झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी मंत्री और विधायको से विनम्र प्रार्थना है की मानसून सत्र में JSSC के द्वारा निकाली गई सभी नियुक्ति को रद्द करने की मांग की । सह धन्यवाद !