L19 Desk : रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में एक प्रथम वर्ष के कंप्यूटर साइंस छात्र के साथ रैगिंग के नाम पर हुई बर्बरता ने पूरे परिसर को हिला दिया है। आरोप है कि करीब 40-50 सीनियर स्टूडेंट्स के ग्रुप ने छात्र को जबरन गालियां दीं और विरोध करने पर बेरहमी से पीटा।
हॉस्टल में घसीटकर की पिटाई
यह घटना बीते शुक्रवार 29 अगस्त की शाम की है। द इंडियन एक्सप्रेस को दिये बयान में पीड़ित छात्र ने बताया कि सीनियर्स उसे हॉस्टल के कमरे में घसीट ले गए, गेट तोड़ा और कुर्सियों-बर्तनों से हमला किया। उनका कहना है कि सीनियर छात्रों का ‘मेल इगो’ अपशब्दों के विरोध से आहत हुआ और उन्होंने मिलकर हमला किया। फिलहाल छात्र अस्पताल में भर्ती है और पसलियों व श्वसन तंत्र की चोटों से जूझ रहा है।
सीनियर्स की दबंगई बनी ‘नॉर्मल’
पीड़ित ने दावा किया कि कैंपस में रैगिंग आम बात हो चुकी है। जूनियर्स को जबरन बाल छोटे रखने, कमीज़ अंदर करने और सिर झुकाकर चलने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें सीनियर्स को ‘सर’, ‘बॉस’ और ‘बिग बॉस’ जैसे संबोधन से बुलाना पड़ता है। महिला सीनियर्स को ‘मैडम’ कहना अनिवार्य है। विरोध करने पर गालियां और अपमान झेलना पड़ता है।
वार्डन बने मूकदर्शक
छात्र का गंभीर आरोप है कि घटना के समय तीन वार्डन मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई रोक-टोक नहीं की। यही नहीं, पहले भी हॉस्टल में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन और विभागीय सदस्य अक्सर चुप्पी साध लेते हैं।
प्राचार्य ने ‘सिस्टमेटिक प्रॉब्लम’ से किया इनकार
द इंडियन एक्सप्रेस को दिये बयान में कॉलेज की प्राचार्य शरबानी रॉय ने कहा कि संस्थान में रैगिंग कोई नियमित समस्या नहीं है। उनके मुताबिक यह पहली बार है जब मामला हिंसक हुआ है। उन्होंने बताया कि पीड़ित के अभिभावकों की शिकायत पर सभी आरोपी छात्रों को निलंबित कर छात्रावास से बाहर कर दिया गया है और एंटी-रैगिंग सेल को सूचना दी गई है।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने छह छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि वे शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो और मेडिकल रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं।