L19 DESK : विधान पार्षद सुबोध राय और रेडिको खेतान के केमिस्ट प्रमोद पांडेय के संबंधों को खंगालने में जुटा उत्पाद विभाग
उपायुक्त के पास प्राथमिकी दर्ज करने के लिए भेजी गयी है संचिका
हाईड एंड सीक का अब भी चल रहा है दौर
विधान पार्षद रहे सुबोध राय और रेडिको खेतान प्राइवेट लिमिटेड के संबंधों पर उत्पाद विभाग को गौर करना जरूरी है । सुबोध राय के तरंगिनी डिस्टलरीज के परिसर को दो वर्ष के लिए रेडिको खेतान प्राइवेट लिमिटेड ने 2022 में लिया हैअब फैक्टरी छापेमारी के बाद सील कर दी गयी है, क्योंकि यहां से दूसरे ब्रांड के बॉटल, रैपर और अन्य सामग्रियां लगभग एक कंटेनर बरामद किया गया है।
इसके अलावा 150 पेटी अवैध शराब भी बरामद की गयी है। रेडिको खेतान लिमिटेड पहले रामपुर डिस्टलरी एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी। रेडिको की तरफ से रामपुर इंडियन सिंगल माल्ट, 8 पीएम, 8 पीएम हनी, 8 पीएम फायर, रेडिको गोल्ड ह्वीस्की, क्राउन ह्वीस्की, अफ्टर डार्क, मैजिक मोमेंट्स वोदका, 8 पीएम एक्सीलेंसी ब्रांडी, मोरफियस, जेसलमेर इंडियन क्राफ्ट जीन, कंटेसा रम का उत्पादन धड़ल्ले से रांची के तरंगिनी बाटलर्स में किया जा रहा था। तंरंगिनी बाटलर्स के सुबोध राय और रेडिको कंपनी से जुड़े केमिस्ट प्रमोद पांडेय की मिलीभगत से फैक्टरी सील हुई है।
पूर्व में प्रमोद राय और सुबोध राय जेमिनी डिस्टलरीज में भी साथ थे। इसलिए ओरमांझी के प्लांट परिसर से एरीस्टोक्रैट के ब्रांड, 100 पाइपर्स और अन्य प्रचलित ब्रांडों के खाली बॉटल, रैपर और अन्य चीजें बरामद की गयी। प्रमोद पांडेय ही वो शख्स हैं, जो अलग-अलग ब्लेंड की वाइन का निर्माण करते थे और उसका पैकेजिंग प्लांट में होता था।
जानकारी के अनुसार दूसरे ब्रांडों के अलावा रेडिको खेतान के सभी प्रचलित ब्रां यानी 8 पीएम, आफ्टर डार्क, लेमन डेयसीज, मैजिक मोमेंट्स वोदका का 60 हजार कार्टून भी प्रति माह अलग से उत्पादित किया जाता था ।
गोरखधंधे में सुबोध राय अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते थे, वहीं उत्पाद विभाग के अधिकारी ट्रैक एंड ट्रैस सॉफ्टवेयर पर निगरानी नहीं रख कर तरंगिनी बाटलर्स के प्लांट से निकलनेवाली गाड़ियों पर नजर नहीं रखते थे। विभाग की तरफ से उत्पाद भवन के मुख्यालय में फैक्टरियों में हो रहे निर्माण पर नजर रखने की ऑनलाइन व्यवस्था भी है, पर इसका उपयोग नहीं किया जाता था। साथ ही बिहार, बंगाल, ओड़िशा और अन्य राज्यों को जानेवाले प्रोडक्ट से संबंधित ट्रकों पर निगरानी भी नहीं रखी जाती थी ।
फैक्टरी सील होने से बुरे फंसे हैं रेडिको खेतान के कर्ता-धर्ता प्रमोद पांडेय
तरंगिनी बाटलर्स के सील होने के बाद मुख्य केमिस्ट प्रमोद पांडेय बुरी तरह फंसे हैं। उत्पाद विभाग प्रमोद पांडेय और सुबोध राय के सांठ-गांठ की खोज में लगी है। अब तक मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर जिले के उपायुक्त से कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उत्पाद विभाग की तरफ से अनुमति मांगी गयी है, ताकि अवैध शराब के कारोबार में फंसे लोग और अन्य पर कार्रवाई की जा सके। रेडिको खेतान के प्रमोद पांडेय का कहना है कि हमारे यहां सब कुछ ऑनलाइन है, कुछ गड़बड़ी नहीं हुई है । पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि सब कुछ सीसीटीवी कैमरे की जद में था।
तो दूसरे ब्रांड का शराब और दस्तावेज, खाली बॉटल तथा अन्य सामग्रियां कैसे बरामद हुई। सूत्र बताते हैं कि जब से रेडिको खेतान का उत्पादन यहां से शुरू हुआ है, उसके बाद से प्रति माह दूसरे ब्रांडों की शराब की खेप भी यहां से ध़ड़ल्ले से बिहार तथा अन्य जगहों पर भेजी गयी। झारखंड के बाजार में भी अरुणाचल प्रदेश, असम तथा अन्य राज्यों के निर्मित शराब भी बाजार में धकेले गये। इसमें रेडिको कंपनी के केमिस्ट प्रमोद पांडेय और राजद नेता भी शामिल हैं। सिर्फ यह कहने से कि हमने सुबोध राय के साथ समझौता किया है रेडिको के ब्रांड का उत्पादन करने के लिए इससे प्रमोद पांडेय की टीम नहीं बचेगी। मामला अब शराब सिंडिकेट के जरिये प्रवर्तन निदेशालय तक भी पहुंच गया है। प्रवर्तन निदेशालय में भी इसकी शिकायत की जा चुकी है।