L19/Ranchi: रांची में अपोलो अस्पताल निर्माण को लेकर राज्य मंत्रिमंडल ने एक बार फिर स्थल बदल दिया है। सात साल पहले डोरंडा के घाघरा में चेन्नई अपोलो अस्पताल के लिए सरकार ने 2.80 एकड़ जमीन दी थी। इसके लिए रांची नगर निगम और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय समझौता भी हुआ था। अब नामकुम अंचल के कल्याणपुर मौजा में अपोलो अस्पताल को जमीन देने का सरकार ने फैसला लिया है। सरकार ने पूर्व के समझौते को रद्द करने की सिफारिश भी की है। दो सौ बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए यह जमीन दी गयी थी, जिसको लेकर काफी बवाल मचा। अपोलो अस्पताल प्रबंधन हार्ट इंस्टीट्यूट, आर्थोपेडिकस, न्यूरोसाइंस, कैंसर इंस्टीट्यूट और इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसप्लांट की सुविधा यहां उपलब्ध कराना चाहता था। पहले घाघरा में चिह्नत अस्पताल की जमीन तक पहुंच पथ नहीं था। 80 फीट चौड़े रास्ते को लेकर स्थानीय लोगों ने काफी बवाल काटा। अस्पताल की पहुंच पथ तो जिला प्रशासन ने बना तो दिया, पर अस्पताल निर्माण को लेकर सरकार की तरफ से गंभीरता नहीं दिखलायी गयी। जमीन के अधिग्रहण को लेकर कई लोगों ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। इसमें एक मोबारक करीम भी था, जिसने नगर निगम को दिये गये कागजात में कहा था कि जिस प्लाट का अधिग्रहण अस्पताल के लिए किया गया है, वह उनकी है। प्लाट के कुल 1.40 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री उन्होंने 1995 को 25 जनवरी को कराया था। जमीन का म्युटेशन 25 जनवरी 1998 को हुआ था। चेन्नई अपोलो को कुल 2.80 एकड़ जमीन लीज पर देने के लिए निगम ने समझौता किया था। अपोलो प्रबंधन के साथ लीज एग्रीमेंट भी हो गया है। इसी बीच मोबारक करीम नामक व्यक्ति ने मौजा बड़ा घाघरा, थाना डोरंडा स्थित खाता नंबर 328 के प्लाट नंबर 57, 58 की कुल 1.40 एकड़ जमीन को अपनी बताते हुए निगम में आवेदन देकर अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है। करीम ने कहा है कि उक्त प्लाट की जमीन की रसीद उनके नाम से कट रही है। इसका रजिस्टर्ड डीड और करेक्शन स्लिप भी उनके नाम से है। इसलिए उक्त जमीन का अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाए कि यह जमीन निगम की नहीं है।