L19 DESK : साहिबगंज अवैध खनन मामले में विजय हांसदा को ईडी की गवाही से मुकरने के लिये 10 लाख थमाने वाला कोई और नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू है। होटवार जेल में प्रेम प्रकाश लगातार पिंटू के संपर्क में था, और इस साजिश को दोनों ने मिलकर अंजाम दिया। 10 लाख रुपये विजय हांसदा के हाथों में थमाकर उसे गवाही से मुकरने के लिये दबाव बनाया गया। ऐसा करने के लिये प्रेम प्रकाश ने ही पिंटू को कहा था। इसके बाद ही विजय हांसदा अपने बयान से मुकर गया और ईडी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमे भी दर्ज कराये।
ये बात ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को दिये अपने हलफनामे में कहा है। हलफनामे में ईडी ने प्रेम प्रकाश से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की निष्पक्ष जांच और साथ ही ट्रायल के लिये प्रेम प्रकाश को दूसरे राज्य के जेल में शिफ्ट कराने की मांग की है।
कौन है पिंटू ?
पिंटू का पूरा नाम अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव है। वर्तमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार हैं। हालांकि, वह इस पद के लिये एलिजिबल नहीं माने जाते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री का प्रेस सलाहकार बनने के लिये उसका जर्नलिज्म बैकग्राउंड होना आवश्यक है। साथ ही किसी भी न्यूज मीडिया में कम से कम 15 साल का अनुभव भी होना जरूरी है। अब तक झारखंड में जितने भी मुख्यमंत्री हुए, उनके प्रेस सलाहकार एक वरिष्ठ पत्रकार ही रहे हैं। मगर कहा जाता है कि हेमंत सोरेन का करीबी होने के वजह से पिंटू को ये पद पर बैठाया गया है।
हेमंत सोरेन के दायें हाथ हैं पिंटू
पिंटू हेमंत सोरेन का दायां हाथ माने जाते हैं। यानि एक अभिन्न अंग। जब जब झामुमो की सरकार बनी, तब तब सरकार में पिंटू की भूमिका काफी प्रभावशाली रही। पिंटू के बारे में नाम न बताने की शर्त पर एक विधायक का कहना है कि पिंटू के इशारे के बिना मुख्यमंत्री साहब एक कदम भी नहीं बढ़ाते। वह किससे मिलेंगे, कहां जायेंगे, क्या कहेंगे, —ये सभी पिंटू ही तय करते हैं। इसलिये वह हेमंत सोरेन के काफिले से लेकर हर वह क्रार्यक्रम के दौरान नजर आ जायेंगे, जिसमें हेमंत सोरेन शिरकत करते हैं।
राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से पिंटू का है सीधा संपर्क
एक अभिन्न अंग होने के नाते जब जब पिंटू की मुश्किलें बढ़ती नजर आती हैं, तब तब मुख्यमंत्री जी के ऊपर भी गाज गिरने की आशंका बनी रहती है। हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार होने के साथ साथ पिंटू राज्य सरकार के पसंदीदा अधिकारियों के सीधा संपर्क में है। इसका उपयोग वह झारखंड में ईडी की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिये करते हैं। पिंटू का केवल इन अधिकारियों से संपर्क ही नहीं, बल्कि इनके काम काज में भी हिस्सेदारी होती है।
घोटालों में भी पिंटू का नाम
पंकज मिश्रा, पूजा सिंघल, छवि रंजन, प्रेम प्रकाश सभी के साथ उठना बैठना रहा है। यहां तक कि इनके घोटालों में भी पिंटू की अहम भूमिका रही है। राज्य में अब तक जितने भी बड़े घोटाले या मामले हुए चाहे वह रुपा तिर्की का केस हो, साहेबगंज का अवैध खनन मामला हो, रांची का जमीन घोटाला हो, पूजा सिंघल का मनरेगा घोटाला हो, सीएम सोरेन से संबंधित खनन लीज आवंटन मामला हो, इन सभी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से पिंटू का नाम जुड़ ही जाता है।
साहिबगंज में पिंटू ने अपने रिश्तेदारों के नाम से पत्थर खनन का लीज आवंटित कराया है। इसकी जानकारी खुद ईडी ने दी है। इस बाबत उनसे ईडी कई दफा पूछताछ भी कर चुकी है। ईडी की कार्रवाई से बचने के लिये वह खुद सरकारी गवाह बन गये हैं। उनकी गिरफ्तारी की भी खबरें खूब चर्चा में रही है। अब देखने वाली बात होगी कि इस अपराध के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं।